
ईसाई समाज के बीच श्रीमद्भगवदगीता। श्रीमद्भगवदगीता पर कहीं से धर्म की बाउंड्री नहीं होनी चाहिये :- ऑगस्टिन वेलीयथ
बिहार ब्रेकिंग

यूनिसेफ के कम्यूनिकेशन, एडवोकेसी और पार्टनरशिप स्पेशलिस्ट ऑगस्टिन वेलीयथ ने कहा की श्रीमद्भगवदगीता सामाजिक एवं धार्मिक समरस्ता का महान ग्रंथ है। इस पवित्र ग्रंथ को आत्मसात कर मनुष्य अपने जीवन को सुखी एवं समृद्धशाली बना सकता है। ये बातें ऑगस्टिन वेलीयथ ने श्रीमद्भगवदगीता आपके द्वार अभियान के संस्थापक एवं पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र से गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भगवदगीता सप्रेम भेंट प्राप्त करने के उपरान्त कही। ऑगस्टिन वेलीयथ श्रीमद्भगवदगीता उपहार के रूप में पा कर काफी खुश हुए।
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उन्होंने कहा की आज मेरी वर्षों की पुरानी याद ताजा हो गई। ऑगस्टिन वेलीयथ ने कहा कि गीता प्रेस का जब शताब्दी समारोह आयोजित हुआ था और उस समारोह में जब भारत के पूर्व प्रेसिडेंट शंकर दयाल शर्मा जी आये थे तो उनके लिए गीता प्रेस का स्वागत भाषण मेरे द्वारा लिखा गया था। उन्होंने कहा की जब लोग मेरे पास मिलने आया करते हैं तो मैं उनसे पूछता हूँ की आप कौरव बन कर आयें हैं या पांडव बन कर आयें हैं। कौरव बन कर आयें हैं यानि आप रीसोर्स माँगने आयें हैं और पांडव बन कर आयें हैं यानि आप बच्चों की भलाई चाहते हैं। बच्चों की भलाई चाहने वाला ही पांडव हो सकता है। भगवान को प्राप्त करना प्रत्येक मनुष्य की चाहत होती है। भगवान कृष्ण के जीवन दर्शन को बच्चों को अपने दैनिक जीवन में उतारना चाहिये। बच्चों को भगवान को अपना दोस्त बनाना चाहिये। भगवान के बगीचे को इंसान को बाउंड्री नहीं बनाना चाहिये।
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ऑगस्टिन वेलीयथ ने कहा की श्रीमद्भगवदगीता पर कहीं से धर्म की बाउंड्री नहीं होनी चाहिये। यह दुनिया का सर्व मान्य ग्रंथ है। गीता से हमें आत्मीयता का बोध होता है। गीता भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकला हुआ वचन है। गीता कई हजार वर्षों से हमारे बीच मौजूद है। लेकिन आदि शंकराचार्य जी ने जो श्रीमद्भगवदगीता के 18 अध्याय और 700 श्लोक की व्याख्या की है वह मानव जाति के लिए कल्याण के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा की आदि शंकराचार्य जी के पवित्र जन्म स्थान से मेरे जन्म स्थान की दूरी मात्र 24 किलो मीटर है। इसलिये श्रीमद्भगवदगीता जैसे महान ग्रंथ के बारे में लोगों को बताने और पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूँ।
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उन्होंने कहा अभियान द्वारा अभी तक करीब 71 हजार से ऊपर श्रीमद्भगवदगीता लोगों को निःशुल्क घर-घर सप्रेम भेंट करना पवित्र, अलौकिक एवं प्रेरणादायक कदम है। इस ऐतिहासिक गीता अभियान से लोगों को जुड़कर सनातन संस्कृति की सेवा के लिए आगे आना चाहिए। श्रीमद्भगवदगीता सप्रेम भेंट करने के समय मिश्र के साथ पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार शुक्ला और देव राज शुक्ला मुख्य रूप से थे।