
अग्निपथ योजना का विरोध के मद्देनजर बरौनी जंक्शन एवं न्यू बरौनी स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे एसपी। सेना भर्ती के नियम अग्निपथ योजना के विरोध में दूसरे दिन भी रहा तनाव का माहौल। कानूनी सलाहकारों की मानें तो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर प्रदर्शनकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
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बिहार ब्रेकिंग – नीरज कुमार – बेगूसराय

सेना बहाली के नियमों में फेरबदल को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये जाने वाली अग्निपथ योजना के विरोध में लगातार युवा नौजवानों के द्वारा आक्रामक प्रदर्शन जारी है। इसी के मद्देनजर बेगूसराय जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा के निर्देश पर पूरा जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया और जिला पुलिस कप्तान योगेंद्र कुमार के नेतृत्व में विभिन्न सभी सार्वजनिक जगहों जैसे बस स्टैंड, स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन एवं प्रमुख चौक चाराहे व बाजार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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जिला अंतर्गत सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को खूद मोनिटरिंग करने का एसपी निर्देश दिया। इस दौरान एसपी ने बेगूसराय स्टेशन, बरौनी जंक्शन एवं न्यू बरौनी स्टेशन पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया एवं उपस्थित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। एहतियात के तौर पर बरौनी जंक्शन एवं न्यू बरौनी जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेल डीएसपी गौरव पाण्डेय के नेतृत्व में आरपीएफ, जीआरपी पुलिस पदाधिकारी के साथ दमकल की गाड़ी, मेडिकल टीम पूरे तरह मुस्तैद थे।
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मौके पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी संदीप पाण्डेय, तेघड़ा प्रखण्ड प्रभारी सीओ सुजीत सुमन, पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी ललन कुमार, स्टेशन मास्टर रत्नेश कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर राज कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष इमरान आलम आदि पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। वहीं इस संबंध में तेघड़ा प्रभारी सीओ सुजीत सुमन ने कहा लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार आम जनमानस को है बशर्ते वह शांतिपूर्ण माहौल में बगैर किसी हिंसा के लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुसार अपना विरोध दर्ज करें। लेकिन इस प्रकार सरकारी सम्पत्तियों को टार्गेट कर हिंसा के माध्यम से बर्बाद करना बिलकुल न्यायोचित नहीं है।
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कानूनी सलाहकारों की मानें तो सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर प्रदर्शनकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
वहीं कानूनी जानकारों की मानें तो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पीडीपीपी एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के तहत सभी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है। इसमें 6 महीने से लेकर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा हिंसा, दंगा, आगजनी और बलवा करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। रेल सम्पत्ति के नुकसान पर रेलवे एक्ट की धाराओं में दस वर्ष की सजा का प्रावधान है। प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दंड देने का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में संसद से कानून बनाने को कह चुका है। लेकिन जब तक संसद इस संबंध में कानून नहीं बना देती है। तब तक सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों से उसकी भरपाई की जाएगी। पुलिस आरोप पत्र दाखिल करती है तो प्रतियोगी परीक्षाओं की पात्रता प्रभावित होगी।