
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एवं केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने एक लाख पच्चीस हजार रुपए का चेक, मोमेंटो, चादर एवं आनंद शंकर पांडेय अवार्ड से किया सम्मानित।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
बिहार ब्रेकिंग – नीरज कुमार – बेगूसराय

बेगूसराय जिला के तेघड़ा प्रखण्ड अंतर्गत निपनियां गांव निवासी रामनरेश प्रसाद सिंह की उपलब्धि एवं सम्मान से पूरा क्षेत्र गौरवान्वित है। आनंद शंकर पाण्डेय के समृति व्याख्यान समारोह एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल संसद मार्ग कनाट पैलेस दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आईबी वरीय पदाधिकारी एवं भाजपा थिंक टैंक वेवकानंद फाउंडेशन के चिंतक और विचारक बेगूसराय जिला के तेघड़ा प्रखण्ड अंतर्गत निपनियां निवासी रामनरेश प्रसाद सिंह को इस भव्य समारोह में तदर्थ स्वयं सेवी संस्था और इनके लेखकीय रचना पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमद खान तथा केंदीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाल द्वारा संयुक्त रूप से एक लाख पच्चीस हजार नगद एवं मोमेंटो व अंगवस्त्र देकर आनंद शंकर पाण्डेय अवार्ड से सम्मानित किया गया।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
रामनरेश बाबु जिन्हें आरपीएन सिंह के नाम से जाना जाता है की उपलब्धि और निपनियां का साहित्यिक इतिहास
राष्ट्रकवि दिनकर की दिनकर की धरती निपनियां गांव का साहित्यिक इतिहास रहा है। पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा मुकुर, कविवर भागवत प्रसाद सिंह कथाकार एवं संपादक साहित्य अकादमी के समकालीन हिंदी साहित्य के संपादक अरुण प्रकाश के बाद रामनरेश सिंह ने अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनी लेखनी के माध्यम से इतिहास का सच व भारत की ज्वलंत समस्या के साथ भविष्य में आने वाली रोचक तथा प्रेरक सीमांत क्षेत्र की घटनाओं को अपनी लेखनी के माध्यम से साझा कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग और अतुलनीय पहचान बनाई। रामनरेश प्रसाद सिंह की उच्च स्तरीय शिक्षा (एमए) पटना विश्वविद्यालय से हुई। आईबी के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में 33 वर्ष सरकारी सेवा के बाद विवेकानंद फाउंडेशन से जुड़े और राष्ट्रवादी विचारधारा में भाजपा के थिंक टैंक में शामिल हुए और लगभग 28 वर्षों तक दिल्ली में रहकर इन्होंने लेखन कार्य भी किया। जिसमें इनके द्वारा दो हिंदी तथा नौ अंग्रेजी में किताबें लिखी गई है। जिसमें पाकिस्तान का सच, ऑल आइसीआई हिंदी में, अंग्रेजी में सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू, खान अब्दुल गफ्फार जिसे सीमांत गांधी कहते थे।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
महाराजा रणजीत सिंह आदि पर लिखी गई इनकी रचनाएं काफी लोकप्रिय हैं। भाजपा के बुद्धिजीवी मंच से बामपंथी साहित्य को इन्होंने अपनी लेखनी से चुनौती दी और वास्तविकता को इन पुस्तकों के माध्यम से उजागर भी किया। इस्लाम की सत्यता और भविष्य की रूपरेखा को भी अपने शब्दों से रेखांकित किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,केपीएस गिल जैसे अधिकारी द्वारा इनकी कई रचनाओं का लोकार्पण किया जा चुका है। इनके देश सेवा व साहित्य जगत में दिये गये योगदान को देखते हुए एवं देश की आंतरिक सुरक्षा विषय पर चर्चा में समर्थ स्वयं सेवी संगठन जो शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख योगदान देता है उनके प्रमुख आनंद शंकर पाण्डेय मेमोरियल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से देश के महान विभूतियों द्वारा सम्मानित किया गया। छात्र जीवन में मेधावी छात्र के साथ रामनरेश सिंह अच्छे फुटबाॅल के खिलाड़ी भी थे। और राजनीति में भाजपा के टिकट पर इन्होंने बेगूसराय (बलिया) लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।