
बिहार डेस्कः बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी के.के को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए उनपर 1 लाख 75 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। के.के. पाठक पर मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव रहते हुए मनमाने तरीके से आदेश पारित करने का आरोप है। कोर्ट ने यह फैसला एसबीआई बैंक के सात ब्रांच मैनेजरों पर कार्रवाई के मामले में दिया है। जानकारी के मुताबिक जस्टिस आर आर प्रसाद की अदालत ने रविशंकर सिंह और छह अन्य की दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया था कि स्टाम्प ड्यूटी देर से जमा किये जाने पर अधिकारी के के पाठक नाराज हो गये थे । इसके बाद उन्होंने विभिन्न जिलों के 7 उप निबंधकों को निर्देश दिया था कि एसबीआइ के 7 ब्रांच मैनेजरों के खिलाफ थ्प्त् कराएं। कोर्ट ने के के पाठक के इस आदेश को नियमों के खिलाफ माना और सरकार को आदेश दिया कि वह के के पाठक से 1 लाख 75 हजार रुपये वसूले और सभी सात याचिकाकर्ताओं को 25-25 हजार दे। बैंक के सात शाखा प्रबंधकों ने के के पाठक के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी और थ्प्त् को निरस्त करने की गुहार लगायी थी।के के पाठक की छवि एक सख्त अधिकारी के रुप में रही है। मई 2016 में उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पर कानूनी नोटिस भेज दी थी। उन्होंने सुशील मोदी पर अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाया था। अखबारों मे छपी खबरों के मुताबिक सुशील कुमार मोदी ने के के पाठक के लिए सनकी शब्द का इस्तेमाल किया था।
