
बिहार ब्रेकिंग

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी अक्सर अपने विवादित बयानों से चर्चा में बने रहते हैं। उन्होंने अभी एक और विवादित बयान दिया है और इस बार शुक्रवार को उन्होंने बयान भगवान राम के ऊपर दिया है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कहा है कि श्रीराम कोई भगवान नहीं थे बल्कि तुलसीदास और बाल्मीकि के काव्य के पात्र थे। उन्होंने आगे कहा कि वे राम भगवान मानते ही नहीं हैं। मांझी ने जमुई जिले के सिकंदरा में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की जयंती और माता सबरी महोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जो ब्राह्मण मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, वैसे ब्राह्मणों से पूजा-पाठ कराना पाप है।
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मांझी के इस बयान के बाद बिहार के राजनीतिक हलकों में भूचाल सी आ गई है और तमाम नेता उनके इस बयान की निंदा करने में जुट गए हैं। जीतनराम मांझी के बयान पर पलटवार करते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ‘जिन दलों या लोगों ने क्षुद्र राजनीतिक हितों के दबाव में ऐसे बयान दिए, वे राम-भक्त समाज के चित से ही उतर गए।’
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उन्होंने आगे कहा कि ‘श्रीराम ऐसे विराट व्यक्तित्व के थे कि उनके जीवन से भारत ही नहीं, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया सहित कई देशों की संस्कृति प्रभावित हुई। उन्होंने जीतन राम मांझी का जिक्र किए गए बगैर कहा है कि जो श्रीराम को काल्पनिक बताने का दुस्साहस कर रहे हैं, वे दरअसल आदि कवि वाल्मीकि, उनके आश्रम में पले सीतापुत्र लव-कुश, निषादराज केवट और भक्त शिरोमणि शबरी को भी नकारने की कोशिश कर रहे हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय इतिहास, संस्कृति और परंपरा के नायक ही नहीं, हमारे पुरखा हैं। उनके समकालीन महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के रूप में जिनका इतिहास लिखा और जिनके होने के अमिट प्रमाण अयोध्या से श्रीलंका के रामसेतु तक उपलब्ध हैं, उन पर अनर्गल बयान देकर किसी को भी करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत नहीं करनी चाहिए।’