
बिहार ब्रेकिंग-राकेश यादव-बेगूसराय

बेगूसराय जिले के बछवाड़ा मेन मार्केट स्थित राज लक्ष्मी ज्वेलर्स में शनिवार की अहले सुबह हुई भीषण डकैती की घटना नें कई आयामों पर हुए चुकों के कलई को खोल कर रख दिया है। डकैती की घटना में पीड़ित स्वर्ण व्यवसायी श्याम प्रसाद दास समेत आसपास के दुकानदारों व ग्रामीणों नें बताया है कि इस डकैती की घटना से पुर्व विगत 10 दिसम्बर 2021 की रात अज्ञात चार पांच लुटेरे के द्वारा राज लक्ष्मी ज्वेलर्स दुकान के पिछले हिस्से का नव निर्मित खिड़की के ग्रिल को उखाड़ने का प्रयास किया गया था। मगर मौके पर हीं आस-पास के दुकानदारों व ग्रामीणों के जग जाने के कारण उनके द्वारा मचाए ग्रे शोरगुल पर सभी लुटेरे भाग निकले थे। तत्पश्चात बाजार में कार्यरत थाने के चौकीदार को बुलाकर घटनाक्रम की सुचना दी गई। पुनः अगले सुबह दुकानदारों नें उक्त असफल वारदात की सूचना बछवाड़ा थानाध्यक्ष को भी दिया।
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बावजूद इसके बेफिक्र लूटेरों असल घटना अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर शनिवार को पुनः घटना की पुनरावृत्ति कर दी। जिसमें उक्त ज्वेलर्स के पिछले दरवाजे का ग्रिल उखाड़ कर पांच डकैत दुकान के अंदर दाखिल हुए। और हथियार के बल पर अंदर सोए स्वर्ण व्यवसायी को बंधक बनाते हुए हाथ पैर बांध कर लगभग पच्चीस लाख रूपए के जेवरात डकैती कर चंपत हो गये। डकैतों नें डकैती की घटना को यूं हीं नहीं अंजाम दिया, बल्कि स्वर्ण व्यवसायी को बंधक बनाकर लगभग एक घंटे तक दुकान के अंदर रह इत्मिनान पुर्वक घटना को अंजाम दिया है। डकैतों नें तिजोरी खोलने के लिए जब दुकानदार से इसकी चाभी मांगी, तो दुकानदार श्याम दास नें अपनी जिंदगी की दुहाई देते हुए डकैतों से कहा कि तिजोरी की चाबी मेरा बेटा अपने साथ लेकर गया है। इसके बाद डकैतों नें अपने साथ लाए हैण्ड कटर से तिजोरी पहले तो अच्छी तरह से काटा। और फिर एक एक कर सभी जेवरात अपनी झोली में डाल कर वहां से चंपत हो गया।
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सारी वारदात को व्यवसायी वहां बंधक बना पड़ा अपनी नजरों से देखता रहा। उल्लेखनीय है कि डकैतों नें अपने दुसरे प्रयास में घटना की पुनरावृत्ति कर सफल अंजाम दिया है। अब पीड़ित व्यवसायी सहित बाजार के दुकानदारों के मन में यह सवाल बार-बार कौंध रही है कि 10 दिसम्बर की पहली घटनाक्रम के बाद बछवाड़ा थाने की पुलिस आखिर क्यों नहीं सजग हुई। बाजार में प्रयाप्त चौकीदारों व पुलिस बल की तैनाती क्यों नहीं किया। पुलिस नें अपना गस्ती दल क्यों नहीं मजबूत किया। चोरों के निशाने पर रहे दुकानों व सम्भावित दुकानों पर आखिर पुलिस नें विशेष निगरानी क्यों नहीं रखा। पुलिस नें अगर ऐसा किया होता, तो आज एक व्यवसायी की पल भर में ही अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई नहीं लुट गई होती।