
मुख्यमंत्री ने आईएमए के 96वें राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन का किया उद्घाटन। पीएमसीएच को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाया जाएगा। यह 5400 से अधिक बेड का अस्पताल होगा। चार वर्ष में तीन फेज में इसका निर्माण कार्य पूर्ण होगा। जब यह बनकर तैयार हो जायेगा तो ऐसा मेडिकल कॉलेज दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा- मुख्यमंत्री

हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आईएमए के 96वें राष्ट्रीय अधिवेशन का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएमए के 96वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर मैं आप सभी का अभिननंदन करता हूं और इस कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित करने के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं। डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह जी को आईएमए के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर विशेष तौर पर बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से जब से काम करने का मौका मिला है, चिकित्सकों के जो भी कार्यक्रम के आयोजन हुए हैं उसमें हम शामिल होते रहे हैं। पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण कोई कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये। उन्होंने कहा कि कोरोना से मुक्ति दिलाने में जो डॉक्टर की भूमिका है, इसके लिए आपका अभिनंदन करता हूं। कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री जी ने डॉक्टर्स के साथ बैठक की थी और राज्य में हमलोगों ने भी डॉक्टरों के साथ बैठक की थी। आपलोगों ने कोरोना काल में जो काम किया वह सराहनीय है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में आपलोगों ने सराहनीय कार्य किया है। आपलोगों ने वैक्सिनेशन पर रिसर्च करके सराहनीय कार्य किया है। अब तो कोरोना के तीसरी लहर को लेकर सभी जगहों पर तैयारियां की जा रही है।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों का इलाज आपलोग करते रहे। सभी की जान बचाने के लिए भगवान की तरह आप लोगों को दर्जा मिलता है। 24 नवंबर 2005 में हमलोगों को काम करने का मौका मिला। उसके बाद हमने सर्वेक्षण कराया और फरवरी 2006 में सर्वे की रिपोर्ट आयी तो उसमें पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक माह में मात्र 39 मरीज इलाज के लिये जाते थे, उस समय अस्पतालों की क्या हालत थी। कितने डॉक्टरों को बिहार छोड़कर जाना पड़ा था। वैसी स्थिति में हमलोगों ने काम करना शुरु किया और अब कितना बड़ा परिवर्तन आया है। अस्पतालों में चिकित्सकों, कर्मियों की उपलब्धता के साथ-साथ मुफ्त दवा की व्यवस्था हमलोगों ने करवाई। लोगों के इलाज के अलावा सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा भी हमलोगों ने अगस्त 2006 से उपलब्ध कराया। उस समय के उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत जी से हमलोगों ने इसकी शुरुआत करायी थी। वर्ष 2019 में जो आंकड़ा सामने आया उसके अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 10 हजार मरीज प्रतिमाह पहुंचने लगे।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
वर्ष 2013 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने हमें फोन कर कहा कि राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में दवा उपलब्ध करायी जाती है। हमने हंसते हुए उनसे कहा कि हमलोग वर्ष 2006 से ही राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने का काम रहे हैं। हम काम अधिक करते हैं, प्रचार कम करते हैं। हम प्रचार-प्रसार में विश्वास नहीं करते हैं बल्कि काम करते हैं। कुछ लोग काम कम और प्रचार अधिक करते हैं। इतने दिनों तक तत्कालीन केंद्र की सरकार को इसकी जानकारी नहीं थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज और दो प्राइवेट कॉलेज थे। बिहार में 11 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना सरकार करा रही है। 5-6 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी बिहार में चल रहा है। श्रद्धेय अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में पटना में एम्स की स्थापना की शुरुआत करायी गयी थी। एम्स के निर्माण कार्य को हम लगातार जाकर उसका निरीक्षण करते थे। अब पटना में एम्स कार्यरत है। पहले आईजीआईएमएस का कितना बुरा हाल था और आज की स्थिति कितनी बदल गई है। फिर इसका भी हमलोगों ने विकास किया है। अब यह 2500 बेडों का अस्पताल होगा। कई प्रकार की अन्य बीमारियों सहित कैंसर तक का भी यहां इलाज किया जा रहा है। बाहर के डॉक्टर भी यहां सेवा देने आ रहे हैं। राज्य सरकार सभी जरुरी संसाधन उपलब्ध करा रही है। अब सहजानंद बाबू को आईएमए के अध्यक्ष के रुप में काम करने का मौका मिला है। आप चिकित्सकों पर लोगों का पूरा भरोसा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमसीएच सबसे पुराना अस्पताल है। हम जब इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे उस समय लोग नेपाल तथा अन्य राज्यों से यहां इलाज कराने आते थे। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो पीएमसीएच के बारे में निर्णय लिया कि इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया जाएगा। चार वर्ष में तीन फेज में इसका निर्माण कार्य पूर्ण होगा। यह 5400 से अधिक बेड का अस्पताल होगा। जब यह बनकर तैयार हो जायेगा तो आपको ऐसा मेडिकल कॉलेज दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। आप लोग इसे देखियेगा।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
एनएमसीएच भी 2500 बेडों का होगा। भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया के मेडिकल कॉलेज भी 2500 बेडों का अस्पताल होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के दूसरे एम्स को हमने दरभंगा में बनाने का सुझाव दिया था। पहला मेडिकल कॉलेज पटना में बना था तो दूसरा दरभंगा में बना था इसलिए मेरे मन में था कि दरभंगा में ही दूसरे एम्स का निर्माण कराया जाए। दरभंगा एम्स के लिए हमलोगों ने जमीन उपलब्ध करा दिया है। राज्य के बजट का सबसे अधिक खर्च स्वास्थ्य और शिक्षा पर किया जा रहा है। बिहार क्षेत्रफल में देश में 12वें स्थान पर है तथा आबादी में तीसरे स्थान पर है। एक स्क्वॉयर किमी में जितनी आबादी बिहार में है उतनी कही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने बिहार में शराबबंदी लागू की। कुछ लोग हमारी बातों से सहमत नहीं थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित हुई, जिसमें बताया गया कि शराब पीने से दुनिया में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई, उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच करने से और स्वच्छ पेयजल नहीं उपलब्ध होने के कारण 90 प्रतिशत बीमारियां फैलती हैं। पूरे देश में अब शौचालय का निर्माण हो गया है। हमलोगों ने हर घर में शौचालय निर्माण कार्य को लगभग पूरा करा दिया है। हर घर तक नल का शुद्ध पेयजल हमलोगों ने पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि आप चिकित्सकों से आग्रह है कि लोगों की इलाज के दौरान उन्हें शराब पीने के दुष्परिणाम के बारे में बतायें, उन्हें शुद्ध पेयजल का उपयोग करने तथा खुले में शौच नहीं करने के बारे में बतायें। आपलोगों की बातों का असर सब पर होगा। आप सब लोगों की सेवा कर रहे हैं, हमलोग भी आपकी मदद करते हैं और आगे भी जितना संभव होगा मदद करेंगे। समाज को आगे बढाइये और बेहतर बनाइये। आप सभी को चरण स्पर्श करता हूं, आपको बधाई देता हूं।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, डेलीहंट, Koo App, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, आईएमए के मुख्य संरक्षक डॉ केतन देसाई, आईएमए के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जेए जयालाल ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री का स्वागत प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्र भेंटकर किया गया। कार्यक्रम के दौरान विशेष आउटलुक पत्रिका एवं स्मारिका का विमोचन मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। मुख्यमंत्री ने डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह को प्रतीकात्मक मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान डॉ जेए जयालाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएमए (2020-21) ने डॉ सहजानंद सिंह को वर्ष (2021-22) के लिए आईएमए के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में अपना माला पहनाकर उनको कार्यभार सौंपा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉ एएन हरि राव को डॉ एएन सिन्हा पुरस्कार तथा डॉ वेद प्रकाश मिश्रा को डॉ केतन देसाई पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक, डॉ राजीव रंजन, डॉ विजय शंकर सिंह, डॉ मंजू गीता मिश्रा, डॉ जयेष लेले, डॉ राजन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सकगण, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।