
बिहार ब्रेकिंग

चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने जो झटका चिराग पासवान को दिया है दरअसल वो अचानक खेला गया खेल नहीं है बल्कि पशुपति कुमार पारस इस खेल की तैयारी महीनों से कर रहे थे। बंगले से धुआं उठ रहा था लेकिन चिराग उसको देख नहीं पाए।यह खुलासा चिराग पासवान की एक चिट्ठी से हुआ जो उन्होंने 29 मार्च 2021 को पशुपति कुमार पारस को लिखी है। चिराग पासवान ने इस चिट्ठी में लिखा-‘आदरणीय चाचा जी, आज होली के दिन यह पत्र मैं इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि पापा के बिना यह पहली होली है जिसमें हम सब साथ नहीं हैं। जब तक पापा थे इस त्योहार को हम लोग खूब धूमधाम से मनाते थे। पर अब उनके नहीं रहने पर शायद हीं हम कभी वैसी होली दुबारा मना पाये। इस पत्र के लिखने से पहले आपसे मिलकर बात करना चाहता था। खालिक साहब और सुरजभान जी ने कई बार प्रयास किया कि यदि कहीं कोई समस्या है तो उसे साथ बैठकर सुलझा लिया जाए।
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लेकिन आपकी तरफ से कभी कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला जिसके परिणाम स्वरूप आज सारी बातें इस पत्र के माध्यम से आपको लिख रहा हूं। 2019 में रामचंद्र चाचा के निधन के बाद से हीं मैने आपमें बदलाव देखा है और आज तक देखते आ रहा हूं। चाचा के निधन के बाद प्रिंस की जिम्मेदारी चाची ने मुझे दे दी और कहा कि आज से मैं हीं प्रिंस के लिए पिता समान हूं और मुझे इसके भविष्य को बेहतर करने की जवाबदेही दी। रामचंद्र चाचा के नहीं रहने के कारण पापा और मम्मी भी बहुत दुखी रहने लग गये थे। प्रिंस को आगे बढ़ाने के लिए उसको प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मैंने दी ताकि आप सबके सामने हीं प्रिंस पार्टी को बढ़ा पाये और बिहार में अपने पांव जमा लें। इस फैसले से सभी लोग खुश हुए। मुझे विश्वास था कि प्रिंस को मिली नई जिम्मेदारी से आप भी संतुष्ट होंगे परन्तु उस वक्त मुझे पीड़ा हुई जब आप इस फैसले के विरोध में नाराज हो गये औश्र आपने प्रिंस को मिली नई जिम्मेदारी के लिए उसे शुभकामना देना भी उचित नहीं समझा।