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बिहार के चर्चित नरसंहार सेनारी नरसंहार मामले के सभी आरोपियों को पटना हाई कोर्ट में बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने जहानाबाद के जिला कोर्ट के उस फैसले को पलटते हुए फैसला दिया है, जिसमें जिला कोर्ट ने 10 आरोपियों को फांसी और 3 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पटना हाईकोर्ट के न्यायधीश अश्विनी कुमार सिंह और अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया।
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डबल बेंच के इस फैसले की जानकारी मिलने के बाद लोगों में आक्रोश है। वहीं मृतक के परिजन इस फैसले से काफी नाराज दिख रहे हैं। फैसले की जानकारी मिलने के बाद सेनारी समेत अन्य गांवों में इसकी चर्चा होने लगी। एक जाति विशेष के लोगों में काफी नाराजगी और आक्रोश देखने को मिल रहा है। सेनारी गांव के लोगों का कहना है कि यह फैसला निराशाजनक है। ग्रामीण नीतीश कुमार, अजय शर्मा आदि ने कहा कि न्यायालय की भाषा में साक्ष्य के अभाव भले ही हैं। पर हमारे परिजनों की गला रेतकर जघन्य हत्या कर दी गई थी।
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जहानाबाद जिले के करपी थाना क्षेत्र के सेनारी गांव में 18 मार्च 1999 की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर के हथियारबंद लोगों ने हमला कर एक ही जाति के 34 लोगों की हत्या कर दी थी। शुरू में इसे पीपुल्स वार ग्रुप की हिंसक कार्रवाई मानी जा रही थी। लेकिन, एमसीसी ने पर्चा छोड़कर नरसंहार की जिम्मेवारी ली थी। उग्रवादियों द्वारा छोड़े गए पर्चे में शंकर बिगहा तथा नारायणपुर की घटनाओं के प्रतिशोद्ध की बात कही गई थी। इस घटना में सात लोग घायल हुए थे।
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18 मार्च 1999 को सेनारी नरसंहार के दूसरे दिन 19 मार्च को करपी थाने में चिंतामणि देवी के बयान पर कांड संख्या 22-1999 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। 16 जून 1999 को पुलिस के द्वारा चार्जशीट दाखिल किया गया था। इसके बाद 38 लोगों के खिलाफ ट्रायल चला। 15 नवंबर 2016 को जहानाबाद के निचली अदालत में 13 लोगों का सजा सुनाई थी। जबकि 25 लोगों को रिहा कर दिया गया था। नीचली अदालत में 10 लोगों को फांसी की सजा तथा तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। न्यायालय ने बचेश कुमार सिंह, बुधन यादव, बुटाई यादव, सत्येंद्र दास, द्वारिका पासवान, गोपाल साव, ललन पासी, करीमन पासवान, गोराई पासवान तथा उमापासवान को फांसी की सजा सुनाई थी। जबकि अन्य तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।