
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता एजाज अहमद ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों और गैस सिलेंडर के बढ़ते मूल्य से ध्यान भटकाने के लिए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर्यावरण के नाम पर बैटरी चालित गाड़ी चलाने की बात करके आमजनों, किसानों, मजदूरों, युवाओं तथा छात्रों को भ्रम में रखकर डीजल दृ पेट्रोल के बढ़ते दाम से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. एजाज ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी यह बताएं कि वर्तमान में जो डीजल और पेट्रोल से गाड़ियां सड़कों पर चल रही है उनका क्या होगा ? क्या उनकी सडको से वापसी के लिए सरकार की ओर से मुआवजा की राशि दी जाएगी। और बैटरी चालित गाड़ी आम लोगों को उपलब्ध कराने के लिए क्या केंद्र सरकार से सब्सिडी दिलवाने में नीतीश कुमार अपनी भूमिका अदा करेंगे । नीतीश कुमार का इस तरह का कवायद केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी के द्वारा पेट्रोलियम के बढ़ते दामों से ध्यान भटकाने के लिए भ्रम जाल फैलाने का एक मात्र प्रयास लगता है और यह भटकाने की राजनीति हैं ।

इन्होंने आगे कहा कि अफसोस की बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक राष्ट्र एक टैक्स के अंतर्गत जीएसटी लाया, लेकिन अब तक पेट्रोलियम पदार्थों के ऊपर किस दबाव के तहत जीएसटी का नियमावली लागू नहीं किया जा रहा है । क्या यह सिर्फ पेट्रोलियम कंपनियों और कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने का जो केंद्र सरकार का अभियान है, उसका हिस्सा तो नहीं है ।एजाज ने पूरे ब्योरे के साथ बताया कि अभी जो भारत में डीजल आ रहा है उसका वास्तविक मूल्य 33.46 तथा पेट्रोल का वास्तविक मूल्य 31.82 रुपये ही है, लेकिन बहुततेरी टैक्स तथा कंपनियों को नित्य प्रतिदिन फायदा के दृष्टिकोण से ही डीजल करीब ₹90 और पेट्रोल शतक के करीब पहुंच चुका है ।