
2020 के विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की सियासत में नीतीश की साख कमजोर पड़ी है। बीजेपी बड़ेे भाई की भूमिका मे है इसलिए एनडीए में भी रसूख कम हुआा है। उपर सेे अरूणाचल में बीजेपी ने जो झटका नीतीश कोे दिया है उससे उनकी मुश्किल और बढ़ गयी है। उनके राजनीतिक विरोधियों को उनकी सियासी हैसियत पर सवाल उठाने का मौका मिल गया है।लोजपा ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल खड़े किये हैं। लोजपा नेता और विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे रामेश्वर चौरसिया ने जेडीयू पर बड़ा अटैक किया है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में जनता ने नीतीश कुमार की पार्टी को तीसरे दर्जे की पार्टी बना दी। जेडीयू में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है,नेता या विधायक अपने आप को उस दल में सुरक्षित नहीं मान रहे।

उन्होंने कहा कि अरूणाचल प्रदेश की घटना कोई आश्चर्यजनक घटना नहीं है। इस तरह की घटना बिहार में बी दोहराई जा सकती है।आज की तारीख में जेडीयू में नेता अपना भविष्य सुरक्षित नहीं देख रहे। इसलिए जिन्हें जहां भविष्य उज्जवल नजर आ रहा वहां जा रहे। वर्मान में बीजेपी सबसे सुरक्षित है,बीजेपी में ऊपर से लेकर नीचे तक नेतृत्व भरा है। इसलिए लोग भाजपा का दामन थाम रहे। रामेश्वर चौरसिया ने आगे कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की हालत आंध्रप्रदेश के चंद्राबाबू नायडु की तरह हो गई है।