
कोईलवर पुल के समानांतर बने दूसरे पुल का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया. पुल के शुरू होने से दक्षिण और मध्य बिहार के शहरों के बीच आवागमन की सुविधा बढ़ेगी. पिछले दिनों इस पुल का ट्रायल भी शुरू किया गया था, लेकिन 5 दिन पहले उद्घाटन को लेकर बंद कर दिया गया है और अब आज विधिवत इसके 3 लेन का उद्घाटन हुआ.

266 करोड़ की लागत
पुल की लंबाई 1.52 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 266 करोड़ की लागत आई है. पुल का डाउन स्ट्रीम 3 लेन अक्टूबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. आज सोन नदी पर बन रहे पुल का दक्षिणी लेन जनता को समर्पित कर दिया गया है. माना जा रहा है कि पटना को आरा, बक्सर, कैमूर और रोहतास समेत उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले आरा के कोइलवर स्थित सोन नदी पर बने कोईलवर पुल का भार अब कम हो जाएगा.
दक्षिण से मध्य बिहार जाना होगा आसान
दक्षिण बिहार से मध्य बिहार के शहरों पटना, आरा, छपरा, बक्सर के बीच आवागमन के साथ व्यवसायिक गतिविधियों में भी सुगमता हो जाएगी. इसके अलावा नए पुल पर आवागमन शुरू हो जाने से पुराने अब्दुल बारी सिद्दीकी पुल पर वाहनों का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा. जिससे पुराने पुल की जर्जर हो चुकी सड़क को भी बनाने में मदद मिलेगी.इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार अपनी तरफ से राज्य उच्च पथों के निर्माण पर 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है। बिहार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए उद्योग नीति में भी परिवर्तन किया।
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम से नामकरण
नए कोईलवर सिक्स लेन पुल का नामांकन विश्व विख्यात गणितज्ञ पदमश्री वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम पर हुआ है. इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी. स्थानीय सांसद आरके सिंह ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गणितज्ञ के नाम पर स्कूल का नाम करने का आग्रह किया था. सोन नदी पर 158 बरस बाद क्षेत्र के लोगों को नया पुल का तोहफा मिला है. इस पुल में कुल 37 पिलर हैं.
उद्घाटन समारोह में दिल्ली से नितिन गडकरी के अलावे बिहार के सीएम नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, केंद्रीय मंत्री बीके सिंह, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के साथ बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री, कई मंत्री, सभापति और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.