
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में शुरू किए गए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर समस्याएं जमीन से जुड़ी हुई पायी गईं। सभी चीजों के आकलन एवं अध्ययन के बाद नया एक्ट बनाया गया। 60 प्रतिशत से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होता है। राज्य में विकास के कई कार्य किए गए हैं। इससे जमीन की कीमत भी बढ़ी है। कुछ लोग जमीन की धांधली के कार्य में भी लिप्त हैं। हमलोगों का उद्देश्य जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करना है, इसलिये ऐसा उपाय किया जाये कि कोई जमीन के स्वामित्व में गड़बड़ी न कर सके।

समाज में शांति रहने से विकास का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पाएगा।
उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष निश्चित रूप से बैठक करें। जो भी गड़बड़ी करे, उस पर कार्रवाई की जाए। भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान से समाज में और शांति स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारों के जिलों की जो जमीन हैं, रिकॉर्ड के अनुसार जिस जिले के अंतर्गत आते हैं, उन जिलों में शीघ्र हस्तांतरित किया जाए।