

सूबे से बच्चों को बहला-फुसलाकर बाहर ले जाने का सिलसिला थम नहीं रहा। पुलिस प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं के तमाम प्रयासों के बाद भी मानव तस्कर बच्चों को काम दिलाने के बहाने बाहर ले जा रहे हैं। छोटे-छोटे छह मासूम बच्चों को काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जा रहे बाल तस्करों के एक गिरोह का पर्दाफाश पटना जीआरपी ने किया है। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की अगुवाई वाली संस्था बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर कल मध्यरात्रि जीआरपी पटना ने बचपन बचाओ आंदोलन और चाइल्डलाइन के सहयोग से महानंदा एक्सप्रेस से 6 नाबालिग बच्चों को बरामद किया जिसे दो तस्कर काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले जा रहे थे और फिर वहां से हिमाचल प्रदेश और पंजाब ले जाने की योजना थी।
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तस्करों के चंगुल से मुक्त कराए गए सभी बच्चों की उम्र 10 साल से लेकर 14 साल तक की है। प्रारंभिक पूछताछ में बच्चों ने बताया कि दोनों तस्कर काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जा रहे हैं। फिलहाल जीआरपी दोनों तस्करों से पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश से बच्चों को तस्करों द्वारा काम दिलाने के नाम पर बाहर जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है बीते 2 महीने की अगर बात करें तो बिहार के विभिन्न जिलों समेत दूसरे राज्यों में छापेमारी कर 1000 से अधिक बच्चों को बचपन बचाओ आंदोलन में तस्करों के चंगुल से स्थानीय प्रशासन की मदद से मुक्त कराया है वहीं एक सौ से अधिक दलाल तस्कर भी गिरफ्तार हुए हैं