

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उद्घाटन के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त की और उनके साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के शुरूआत में अपने संबोधन में कहा कि मुझे एक दुखद खबर आपके साथ साझा करनी है। बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, वे अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। मैं उनको नमन करता हूं। रघुवंश बाबू के जाने से बिहार और देश की राजनीति में शून्य पैदा हुआ। जमीन से जुड़ा व्यक्तित्व, गरीबी को समझने वाला व्यक्तित्व, पूरा जीवन बिहार के संघर्ष में बिताया। जिस विचारधारा में वो पले- बढ़े, जीवनभर उसको जीने का उन्होंने प्रयास किया। मैं जब भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता था, उस काल में मेरा उनका निकट परिचय रहा।
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अनेक टीवी डिबेट में काफी वाद-विवाद, संघर्ष करते रहते थे हम लोग। बाद में वो केन्द्रीय मंत्रिमंडल में थे यूपी में, मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते भी उनके साथ लगातार संपर्क में रहता था विकास के कामों को ले करके। अब पिछले तीन-चार दिन से वे चर्चा में भी थे। उनके स्वास्थ्य के लिए मैं भी चिन्ता करता था। लगातार जानकारियां लेता रहता था। और मुझे लगता था कि बहुत ही जल्द ठीक हो करके वो वापिस बिहार की सेवा में लग जाएंगे, लेकिन उनके भीतर एक मंथन भी चल रहा था।
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जिन आदर्शों को ले करके चले थे, जिनके साथ चले थे, उनके साथ चलना अब उनके लिए संभव नहीं रहा था और मन पूरी तरह जद्दोजहद में था। और तीन- चार दिन पहले उन्होंने अपनी भावना को चिट्ठी लिखकर प्रकट भी किया था। लेकिन साथ-साथ भीतर अपने क्षेत्र के विकास के लिए भी उतनी चिन्ता थी तो उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री जी को अपनी एक विकास के कामों की सूची भेज दी। बिहार के लोगों की चिन्ता, बिहार के विकास की चिन्ता उस चिट्ठी में प्रकट होती है।
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मैं नितीश जी से जरूर आग्रह करूंगा कि रघुवंश प्रसाद जी ने अपनी आखिरी चिट्ठी में जो भावनाएं प्रकट की हैं, उसको परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिल करके पूरा प्रयास करें क्यूंकि पूरी तरह विकास की ही बातें उन्होंने लिखी थीं, उसको जरूर करें। मैं फिर एक बार आज कार्यक्रम के प्रारंभ में ही रघुवंश सिंह प्रसाद जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं, उनको नमन करता हूं।