
2005 के पहले लोग अंधकार में जीने को थे मजबूर

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युवा जदयू के प्रदेश प्रवक्ता ओमप्रकाश सिंह सेतु ने कहा है कि किसी भी राज्य की आर्थिक और सामाजिक तरक्की तभी हो सकती है जब वहां भरपूर बिजली हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने बिजली के क्षेत्र में बेहतर मुकाम हासिल किया है। मुख्यमंत्री ने लालटेन युग से राज्य को बाहर निकाल कर रौशन कर दिया है। अब शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक 22 से 24 घंटे बिजली रहती है। सेतु ने कहा आज बिहार में प्रति व्यक्ति 345 से लेकर 455 यूनिट तक बिजली की खपत प्रति माह की जा रही है। 2005 के पहले यह खपत 75 से 125 यूनिट प्रति माह थी। इसी तरह 2005 के पहले राज्य में सात सौ मेगावाट बिजली खपत थी जो आज करीब छह हजार मेगावाट हो चुकी है।
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युवा प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा शासन की बागडोर संभालने के पहले बिहार में पति-पत्नी का शासन था। पति-पत्नी ने अपने शासन में देश को दिशा दिखाने वाले, विश्व को ज्ञान देने वाले बिहार को अंधकार युग मे पहुंचा दिया था। लोग लालटेन युग मे जीने को मजबूर थे। उस शासन में विकसात्मक कार्य ठप पड़ गए थे। शिक्षा, ऊर्जा, सड़कों का निर्माण, आधारभूत सुविधाओं को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया। इस परिवार के लिए परिवार का विकास सबकुछ था। राज्य का विकास इस परिवार ने नही किया। खासकर बिजली की क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ। 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की बागडोर संभाली तो उन्होंने बिजली, शिक्षा, शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत आधारभूत संरचना के विकास के लिए बहुत काम किये। खासकर राज्य के घर-घर बिजली की सुविधा देने के लिए योजना बनाकर काम किया।
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नतीजा आज बिहार का घर-घर बिजली से रोशन हो गया है। सेतु ने कहा जहां 2005 के पहले तक बिजली उपभोक्ताओं की सीमित संख्या हुआ करती थी वह आज तीन करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। जबकि छह हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली की खपत हो रही है। उन्होंने कहा राज्य की जनता मुख्यमंत्री के विकास की साक्षी है। लोगो ने देखा है बिहार को प्रगति के क्षेत्र में शिखर पर पहुँचाया गया है।