

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो चुकी है। हरेक दल अपनी रोटी सेंकने के लिए गठबंधन एवं बड़े नेताओं को अपने दल में शामिल करने की होड़ में लगी हुई है। एक तरफ राजद के कई बड़े नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं तो वहीं राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा है कि जदयू के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। महागठबंधन में जहां पूर्व मुख्यमंत्री की पार्टी हम एनडीए में शामिल होगी या अपना भाव बढ़ा कर महागठबंधन में रहेगी इसके लिए अभी 30 अगस्त तक का इंतजार करना पड़ेगा।
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वहीं रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी इशारा किया है कि महागठबंधन के के अंदर घमासान मचा है। वहीं ओवैसी की पार्टी ने भी पूर्व विधायक रुकनुद्दीन को जॉइन करवा कर राजद समेत सभी दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी है। हालांकि अब तक जदयू के लिए अच्छी खबर है कि राजद से निकल कर पहले तो लालू यादव के समधी चंद्रिका राय दो अन्य विधायक के साथ जदयू में शामिल हुए वहीं दो अन्य विधायक जदयू जॉइन करने का मन बना रहे हैं।
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इधर एनडीए में भी कहा तो जा रहा है कि सब कुछ ठीक है लेकिन हाल ही में लोजपा अध्यक्ष के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर लगातार हमला ये इशारा कर रही है कि चिराग पासवान कुछ और ही चाहते हैं। चिराग ने विगत दिनों बिहार आगमन पर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव से भी बंद कमरे में मुलाकात की थी जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि एनडीए और महागठबंधन के अलावे बिहार में एक थर्ड फ्रंट भी नए ऑप्शन के रूप में लोगों को मिलने वाला है। हालांकि भाजपा ने अब तक नीतीश कुमार को ही लीडर बताया है साथ ही यह भी कह रही है कि एनडीए में सब ठीक है। चुनाव की तैयारी एनडीए के सारे दल मिल कर एक साथ कर रहे हैं।