

बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार जैसे जर्जर और बदहाल प्रदेश को नीतीश कुमार ने अपने मेहनत और सूझ-बूझ से खुशहाल प्रदेश बनाने का काम किया है। अशोक चौधरी आज वर्चुअल सम्मेलन के दसवें दिन हरलाखी, बेनीपट्टी, केवटी, सुरसंड, बेलसंड एवं परिहार विधानसभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
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अशोक चौधरी ने लालू यादव एवं राबड़ी देवी के शासन को दलित, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि इसकी पुष्टि उस दौर में इन वर्गों के लिए किए गए न्यूनतम बजटीय प्रावधान से भी हो जाती है जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में इन वर्गों के सशक्तिकरण के लिए बड़ी राशि का बजटीय प्रावधान एवं इनके जमीनी क्रियान्वयन के लिए जो फैसले हुए, उसकी तुलना ही नहीं की जा सकती है।
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उन्होंने कहा कि विरासत में मिली बदहाल अर्थ व्यवस्था एवं नदारद कार्य संस्कृति को न केवल नीतीश जी पटरी पर लाने में सफल हुए बल्कि जीडीपी वृद्धि दर, रेवेन्यु सरप्लस राज्य निर्माण, आधारभूत सुविधाओं का विस्तार, बिजली, सड़क जैसे क्षेत्रों में नए कीर्तिमान भी गढ़े गए। अशोक चौधरी ने कहा कि वर्ष 1977 से 2005 तक में जितने पुल पुलियों का निर्माण बिहार में हुआ था उससे सात गुणा ज्यादा पुल-पुलियों का निर्माण पिछले पंद्रह वर्षों में बिहार में किया गया। सड़कों की स्थिति यह थी कि पटना से मधुबनी आने में जहाँ पहले सात से आठ घंटे लगते थे वहीं आज तीन से चार घंटों में पहुँच जाते हैं। वर्ष 2004 तक में जहाँ मधुबनी में मात्र 80 स्वास्थ्य केंद्र थे वहीं आज 2019 में 465 स्वास्थ्य केंद्र स्थापित हो चुके हैं। विद्युत एवं कृषि के क्षेत्र में अप्रत्याशित परिवर्तन हुए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आह्वान करते हुए कहा कि इस महामारी के दौर में WHO एवं ICMR के निर्देशों का पालन करना हम सभी लोगों की जवाबदेही है और आप सभी साथी इन निर्देशों का पालन कर अपने आप को सुरक्षित रखते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों को अपने आस पास के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें।