

बिहार की राजनीति में तेजी से उभरने वाली राजनीतिक हस्ती और प्लुरल्स पार्टी की प्रेसीडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मांग की है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर पटना स्थित बिहार का एकमात्र प्लेनेटेरियम का नामकरण “एसएसआर प्लेनेटेरियम” किया जाए। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि “सुशांत सिंह राजपूत, शानदार एक्टर, धुनी, उत्साही ऐस्ट्रोनॉमर बहुमुखी बिहारी प्रतिभा के एक और उदाहरण।
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पुष्पम कहती हैं कि मैंने बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि वे पटना के इंदिरा गांधी प्लेनेटेरियम का नाम “एसएसआर प्लेनेटेरियम” करें। विलियम हर्शेल की तरह स्वर्गीय राजपूत भी कला और विज्ञान के यूनफ़िकेशन के ग़ज़ब प्रतीक हैं। वे NASA जाते थे, CERN जाते थे, उनकी दिलचस्पी थी कि “यूनिवर्सल लॉ ऑफ फ़िज़िक्स” के खोज की तैयारी कहाँ तक पहुँची। वे उपनिषद और धर्मसूत्र खंगालते थे और रामानुज की तरह आधुनिक विज्ञान के “टाइम-स्पेस” द्वैधता को भारतीय “देश-काल” के नियमों से जोड़ने का प्रयास करते थे। अफ़सोस कि विलियम हर्शेल की तरह एक नए युरेनस की खोज करने को वे नहीं रहे, और उनका बेहद सोफ़िस्टिकेटेड टेलिस्कोप उदास रखा होगा। परंतु अगर आज वह होते तो देश और बिहार के और सुशांतों को आगे लाने के लिए कुछ सार्थक करते।
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स्टेट के पॉलिसीमेकर का यह दायित्व है कि वह उनके सपनों को पूरा करे। प्लेनेटेरियम एक ऐसी जगह होती है जो बच्चों को विज्ञान और मनोरंजन एक साथ देती है जिसके सबसे बड़े प्रतीक सुशांत थे। वैसे तो पटना के प्लेनेटेरियम का नाम महान आर्यभट्ट या डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह जी के नाम पे बहुत पहले कर देना चाहिए था (अब उनके नए स्मारक बनेंगे तरेगना और आरा में चार महीने बाद), लेकिन अब जबकि ऐसा नहीं किया गया है तो नयी पीढ़ी को साइंस और ऐस्ट्रोनॉमी में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए और पटना के ब्रिलियंट युवा सुशांत को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए पटना के प्लेनेटेरियम का नया नामकरण उनके नाम पर करना सार्थक होगा। इंदिरा जी एक महान राजनेता थीं, लेकिन उनके नाम पर पहले से काफ़ी स्मारक व संस्थान हैं, और जैसा कि हम उनको जानते हैं, वे स्वयं आज होतीं तो खुद इस पर बिना अनुरोध के निर्णय ले लेतीं।”
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चौधरी ने कहा कि मैंने बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की है और आशा है वे इस पर त्वरित निर्णय लेंगे, नहीं तो चार महीने के बाद तो यह होना ही है। चौधरी द्वारा सोशल मीडिया पर जारी इस पत्र को बहुत समर्थन मिल रहा है। सुशांत सिंह राजपूत के प्रशंसकों को यह विचार बहुत भा रहा है कि “एसएसआर प्लेनेटेरियम” नामकरण होने से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी और उनके सपनों को नई उड़ान मिलेगी। अब देखना है कि राज्य सरकार प्लुरल्स पार्टी के प्रेसिडेंट चौधरी की इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है।