

सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी महकमे में कुछ लोग हैं जो सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। जहानाबाद में विजिलेंस की टीम ने सिविल सर्जन के क्लर्क को पीएचसी में प्रभारी बनाने के नाम पर तीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिकरिया पीएचसी के डॉक्टर इरफान उल जुहा से सिविल सर्जन के क्लर्क अनिल सिंह ने प्रभारी के रूप में पदस्थापित करने के लिए चिट्ठी निकालने के एवज में साठ हजार रुपये की मांग की थी। जिसकी शिकायत उन्होंने निगरानी विभाग में की थी। उनकी शिकायत की जांच के बाद विमलेंदु वर्मा के नेतृत्व में निगरानी की टीम ने छापेमारी कर क्लर्क अनिल कुमार सिंह को रंगे हाथ धर दबोचा। निगरानी की इस कार्रवाई से सिविल सर्जन कार्यालय में हड़कंप मच गया है।
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अधिकारियों ने बताया कि किसी भी पीएचसी में वहां के वरीय डॉक्टर को प्रभार दिया जाता है परंतु अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा रिश्वत की मांग को लेकर उन्हें प्रभार नही दिया जा रहा था जिसकी शिकायत करने के बाद निगरानी के अधिकारियों ने दो बार जांच करने के उपरांत यह कार्रवाई की। कार्रवाई के बाद निगरानी की टीम गिरफ्तार किए गए क्लर्क को अपने साथ पटना ले कर चली गयी है। गिरफ्तार किए गए क्लर्क के मुताबिक सिविल सर्जन के कहने पर ही उन्होंने डॉक्टर से रिश्वत की मांग की थी। गौरतलब है कि इससे पूर्व सन 2015 में तत्कालीन सिविल सर्जन आदेश श्रीवास्तव को निगरानी की टीम ने रिश्वत की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया था।