

कोरोना वायरस की वजह से लगे चौथे लॉक डाउन में सरकार ने लोगों के लिए नियमों में कुछ नरमी बरती है। राजधानी पटना में भी लॉक डाउन के दौरान बाजार में दुकान खुलने के दिन निर्धारित कर लिए गए हैं। पटना जिलाधिकारी कुमार रवि ने इस बाबत एक निर्देश जारी किया है। जिला प्रशासन ने दुकानों को छः श्रेणियों में बांट कर खुलने के दिन निर्धारित किये हैं। पटना में हर रोज किराना दुकान, डेयरी, मेडिकल, ई-कॉमर्स, फल-सब्जी मंडी, सभी अस्पताल, होम डिलीवरी सेवा, ऑटोमोबाइल, कृषि कार्य से जुड़े सभी प्रतिष्ठान, मीट और मछली की दुकानें खुलेंगी।
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इलेक्ट्रिकल गुड्स, पंखा, कूलर, एयर कंडीशनर, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, यूपीएस, ऑटोमोबाइल, टायर और मोटरसाइकिल, सीमेंट, स्टील, बालू स्टोन, मिट्टी, ईंट, प्लास्टिक पाइप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग सामग्री, हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, प्रदूषण जांच केंद्र, निजी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थानों के कार्यालय सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को खुलेंगे। जबकि कपड़े की दुकान, निजी क्लीनिक, बर्तन की दुकान, जूता-चप्पल की दुकान, ड्राई क्लीनर्स की दुकान, स्पोर्ट्स की दुकान, फर्नीचर की दुकान, सोना चांदी की दुकान और अन्य सभी दुकान जो किसी सूची में नहीं हों वो मंगलवार, गुरुवार, शनिवार खुलेंगी। इसके अलावा शॉपिंग कंपलेक्स मार्केट की दुकानें खुलेगी, लेकिन दुकानों को एक-एक दुकान छोड़कर खोला जाएगा। इस कड़ी में एक दुकान तीन दिन जबकि दूसरी दुकान बाकी तीन दिन खुलेगी।
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इसके साथ ही जिलाधिकारी ने लोगों के लिये भी निर्देश जारी किया है। सभी लोगों के लिए अनिवार्य होगा कि वो अपने आवासीय क्षेत्र के निकट की दुकानों से ही खरीदारी करें। दुकानों और कार्यालयों में सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। दुकानों और कार्यालय के काउंटर पर दुकानदार साबुन, सैनिटाइजर आवश्यक रूप से रखेंगे। जो वहां के कर्मियों और ग्राहकों के उपयोग के लिए निशुल्क उपलब्ध रखेंगे। दुकान और कार्यालय परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग मानकों (दो गज की दूरी) का अनुपालन किया जाएगा। इसके लिए सफेद गोला बनाना अनिवार्य होगा। सर्दी, खांसी के लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को काम करने या काउंटर के पास आने की अनुमति नहीं होगी। डीएम कुमार रवि ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को आदेश का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। साथ ही उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।