

कोरोना संकट में जहां एक तरफ लोग इस संकट से छुटकारा पाने एवं प्रवासी लोग अपने घरों को जाने के लिए बेताब हो रहे हैं तो वहीँ राजनीति भी जोरों पर है। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही दिखा जब राजनीति स्ट्रेटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने गाजियाबाद में मजदूरों के प्रदर्शन का एक वीडियो ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा। पीके ने अपने ट्विट में वीडियो के साथ सरकारी दावों को विफल बताया और मजदूरों को खराब स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया। पीके ने सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि मजदूरों की समस्या का हल पहले खोजना चाहिए लेकिन सरकार ये किये बगैर कोरोना से लड़ने और आर्थिक विकास के साथ आत्मनिर्भर बन्ने की बात कर रही है। पीके ने अपने ट्विट में लिखा कि ‘ग़ाज़ियाबाद के ये दृश्य बता रहे हैं, कि तमाम सरकारी दावों के बावजूद हक़ीक़त ये है कि आज तक गरीब मज़दूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुँचाने की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस समस्या का हाल ढूँढे बग़ैर कोरोना से लड़ने और आर्थिक विकास के साथ आत्मनिर्भर बनने की बातें करना बेमानी है।‘
https://twitter.com/PrashantKishor/status/1262308945604907012?s=20
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पीके के ट्विट के जवाब में जदयू ने भी पीके पर निशाना साधा और पीके को उनका वादा याद करवाया। जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने पीके के ट्विट के जवाब में कहा कि आपने भी मजदूरों को भोजन करवाने का वादा किया था, अगर आप अपने वादा पर अडिग रहते तो शायद आज ये मजदूर इतने बेचैन नहीं होते। जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने पीके के ट्विट के जवाब में लिखा कि ‘आपने कोरोना काल के संकट में 1.5 लाख व्यक्तियों को भोजन कराने का लक्ष्य तय किया था। आप ईमानदारी से अपनी घोषणा पर कायम रहते तो मजदूरों में घर जाने की बेचैनी नही होता है। बिहार की जनता आपको नस नस पहचानती जानती है। त्रिमूर्ति KPT की खेल को बिहार की जनता समझ गई है।‘
https://twitter.com/Arvind_Nisaad/status/1262326202649333766?s=20