

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि कोरोना की वजह से जारी लाॅकडाउन के दौरान राज्य के किसानों को राहत देने के लिए प्राकृतिक आपदा से फसल की हुई क्षति की भरपाई के लिए जहां राज्य सरकार ने 578.42 करोड़ रु. का प्रावधान किया है वहीं राज्य फसल सहायता योजना के तहत 3.44 लाख किसानों को खरीफ 2019 के दौरान उपज में हुई कमी के लिए 247.06 करोड़ रु.का भुगतान किया जा रहा है। इसके पहले 2018 में 4.53 लाख किसानों को 368.64 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। मोदी ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां बीमा की तरह लागू फसल सहायता योजना का लाभ पीएम किसान सम्मान, फसल क्षति अनुदान व डीजल अनुदान के अतिरिक्त रैयत और गैररैयत दोनों श्रेणी के किसानों को दिया जा रहा है।
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इसके लिए उन्हें कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ता है जबकि पहले की फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को प्रीमियम के तौर पर अपना अंशदान देना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 7 साल के औसत उपज की तुलना में 1-20 प्रतिशत तक की कमी होने पर प्रति हेक्टेयर 7,500 रुपये की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 15,000 और 20 प्रतिशत से ज्यादा की कमी की स्थिति में प्रति हेक्टेयर 10 हजार की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 20 हजार रुपये की सहायता दी जाती है।