

पटना ग्रामीण के फतुहा से लेकर मोकामा और यहाँ तक कि लखीसराय जिले के बड़हिया टाल क्षेत्र के किसान आसमान की तरफ देखने के अलावा कुछ और करने की स्थिति में नही हैं। हाँ सरकार की तरफ हसरत और विश्वास की निगाहों से जरूर देख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जलजमाव के कारण इस वर्ष डेढ़ लाख हेक्टेयर में फैले टाल क्षेत्र में फसल की बुआई डेढ़ महीने देर से होने के कारण, पहले ही फसल नही होने की आशंका थी, उसपर रही सही कसर बार बार हुई असमय बारिश ने पूरी कर दी जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर यहां क्लिक कर जुड़ें
गौरतलब है कि टाल को दाल का कटोरा कहा जाता है, जिस वर्ष ये सही फसल देता है उस वर्ष ना सिर्फ किसानों के घर शहनाई बज उठती है बल्कि देश भर में दाल की कीमत का भी निर्धारण करने की क्षमता रखता है। परन्तु इस बार स्थिति काफी भयावह है।