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कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से देश में न फैले इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस काम में भी जुटे हुए हैं कि उनके राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या कम से कम हो। इसके लिए मुख्यमंत्रियों ने सभी अधिकारियों को इस कार्य में लगा गिया है। कई मुख्यमंत्रियों ने कोरोना संक्रमित इलाकों को चिन्हित कर इन्हें हॉटस्पॉट घोषित किया है। जिससे जल्द से जल्द इस महामारी पर काबू पाया जाए। बिहार में भी पिछले दो दिनों में कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए कई जिलों में सीलिंग की जा रही है।
आइए जानते हैं लॉक डाउन और सील में अंतर
अगर सीधे शब्दों में समझें तो लॉकडाउन में इसेंसियल सर्विस खोलने की छूट दी गई है। जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें।वहीं, सरकार ने जिन इलाकों को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित कर सील किया है उसके मुताबिक यहां इसेंसियल सर्विस के तहत आने वाले दुकानों को भी सील कर दिया गया है। जरूरी सामान खरीदने के लिए भी लोगों को घरों से बाहर न निकलने की बात कही गई है। सील इलाकों में प्रशासन की ओर से मदद मुहैया करवाई जा रही है। प्रशासन जरूरी सामानों की होम डिलिवरी शुरू कर दी है। सरकार के कर्मचारी दरवाजे तक पहुंच-पहुंच कर जरूरी सामान दे रहे हैं।