
बिहार ब्रेकिंग-रजनीश-मधेपुरा

कोरोना को लेकर सरकार और प्रशासन सेफ मोड में आ चूका है। कोई भी जानकारी मीडिया से साझा करने में अधिकारी बचते नज़र आ रहे हैं। लेकिन मधेपुरा में अवस्थित जिस वर्ल्ड क्लास बिल्डिंग वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज से इस संकट की घड़ी में स्थानीय लोग आशा लगाए हुए हैं उनकी बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ से बीती रात कोरोना के एक संदिग्ध मरीज को वापस घर भेजने का मामला सामने आया है।
क्या है मामला
कोरोना को लेकर सरकार और प्रशासन हर तरह की तैयारी पुरे होने का दावा कर रही है। सदर अस्पताल के साथ मधेपुरा के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। सदर अस्पताल में 13 बेड का तो मेडिकल कालेज में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना हुआ है, लेकिन कोरोना के संदिग्ध मरीज सिर्फ सदर अस्पताल में ही हैं। बीती रात सदर अस्पताल का आइसोलेशन वार्ड फुल था। इस स्थिति में मरीज को जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किया गया लेकिन मेडिकल कालेज में मरीज को भर्ती नहीं लिया गया। उसे लौटा दिया गया।
मेडिकल कालेज के लोगों ने उसे घर पर ही क्वारंटाइन रहने को कहा। मज़बूरी में मरीज और उसके परिजन सदर अस्पताल वापस लौट आए। चौकाने वाली बात यह है की इस मेडिकल कालेज से स्थनीय लोगों को काफी आश है। लोग सरकार से यहाँ इलाज और जाँच की सुविधा की मांग कर रहे हैं लेकिन इस तरह की लापरवाही सकते में डालने वाला लगता है।
बहरहाल मधेपुरा मेडिकल कालेज में कुल 100 बेड का आईसीयू भी बना है। वेंटिलेटर की व्यवस्था भी है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक और स्टाफ की कमी के कारण के कारण सब यूही पड़ा है। चिकित्सक और स्टाफ के पास आवश्यक पीपीई किट नहीं होने के कारण यहाँ के लोग संदिग्धों को भी रखने से डर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मेडिकल कालेज का आइसोलेशन वार्ड सिर्फ दिखावे के लिए हैं।