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युवा जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता ओमप्रकाश सिंह सेतु ने कहा कि तेज प्रताप यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कुछ भी बोलने से पहले याद कर लेना चाहिए कि किस की कृपा से वे विधानसभा का मुंह देख सके। अगर मुख्यमंत्री ने कृपा नहीं की होती तो तेज प्रताप यादव आज भी बांसुरी और शंख लेकर ना जाने किन गलियों में घूम रहे होते। तेज प्रताप यादव को अगर कुछ बोलना ही है तो उनको लालू यादव के भ्रष्टाचार पर बोलना चाहिए। उनको यह बताना चाहिए कि किस तरह से उनके परिवार के पास अरबों की संपत्ति आ गई? तेजप्रताप को पता होना चाहिए कि लालू प्रसाद यादव तो आदतन भ्रष्टाचारी हैं।
लालू प्रसाद को बिहार में मौका मिला तो है वे अलकतरा पी गए और चारा खा गए। फिर जब रेल मंत्री बने तो छोटी-छोटी नौकरियों के बदले ना जाने कितने लोगों की जमीन और संपत्ति तक हड़प ली। जब से नीतीश कुमार ने बिहार को संभाला है तब से बिहार का परिदृश्य बदल गया है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद तेज प्रताप यादव परमानेंट बेरोजगार हो जाएंगे क्योंकि राजद को दस सीटें भी मिल जाए तो बहुत होगा। चुनाव के बाद तेज प्रताप यादव को घर के किसी कोने में बैठकर चैन से बांसुरी ही बजाना है इसलिए बेहतर होगा कि वह राजनीतिक टीका टिप्पणी करने की बजाय बांसुरी बजाने का ही अभ्यास करें। लोकतंत्र के बारे में सोचना तेज प्रताप यादव जैसे लोगो के बस की बात नहीं है।