
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-पटना

आजकल सूबे के पुलिस विभाग में एक नया नारा गूँज रहा है कि डीजीपी ने ठाना है, अपराध मुक्त बिहार बनाना है। इसमे कोई शक नही कि किसी भी प्रदेश के पुलिस महानिदेशक चाह लें तो अपराध अपने निम्नतम स्तर तक आ सकता है और रही बात वर्तमान पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय की तो इनका ट्रैक रिकॉर्ड बाढ़ डीएसपी के रूप में पहली पोस्टिंग के साथ ही देखा जा सकता है। जब वे यहाँ के तत्कालीन अपराधियों पर कहर बनकर टूटे थे। मुझे आज भी याद है तब मैं इंटरमीडिएट का छात्र था और पांडेय बेगूसराय के एसपी और मेरी तरह और भी लोगों को याद होगा, उस समय बेगूसराय की जनता किस खौफ के साये में जी रही थी, आये दिन अपहरण और हत्याएँ हो रही थी, अपराधी मानो समानांतर सरकार चला रहे थे। कानून व्यवस्था ध्वस्थ हो चुकी थी। ऐसे में जिले के पुलिस कप्तान बनकर गुप्तेश्वर पांडेय आये और कुछ ही दिनों में लोगों को ये लगने लगा कि कानून और इंसाफ जिंदा है। उन्होंने कई कुख्यात अपराधियों का सीधे एनकाउंटर किया। अपराधियों में ऐसा खौफ कायम हुआ कि उनके नाम से अपराधी थर थर कांपने लगे। उन्होंने संगठित आपराधिक गिरोहों को ध्वस्त कर दिया। जो बचे वो जान बचाकर अन्य प्रदेशों को भाग खड़े हुये।
बेगूसराय से मिली प्रसिद्धि उन्हें सदैव काम आई फिर वे जिस जिस जिले में गये अपराधी पहले से सावधान हो गये और अपनी गतिविधियों को लगाम दे दिया। क्योंकि उन्हें पता था गुप्तेश्वर पांडेय अपराध और अपराधियों के प्रति अत्यंत कठोर और जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने वाले पुलिस अधिकारी हैं। उनकी इसी कार्यशैली ने उन्हें एडीजी से डीजी होम गार्ड तक पहुंचाया। जब वे डीजी होमगार्ड बने तो समाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर रुचि लेने लगे। उन्होंने शराबबंदी के खिलाफ पूरे सूबे में घूम घूम कर जन जागरण अभियान चलाया। ये पहला अवसर था जब देश मे कोई आई पी एस इस तरह का अभियान चला था। इसे मीडिया के साथ समाज और सरकार की भी सराहना प्राप्त हुई। उसके बाद पांडेय सूबे के पुलिस महानिदेशक नियुक्त कर दिये गये। उन्होंने कई वीडियो सन्देश जारी कर पुलिस से अपील किया कि वे जनता से फ्रेंडली विहेव करें। साथ ही जनता से अनुरोध किया कि वे पुलिस की मदद करें। इतना ही नही दो व्हाट्सएप नंबर भी जारी किये जिसपर समाज मे हो रहे अपराध और व्यक्तिगत पीड़ा की सूचना सीधे डी जी पी तक पहुंचाई जा सके। इसके साथ ही उनके बारे में ये भी प्रचलित है कि वे कब किस जिले में कहाँ चले जायें किस वक़्त निरीक्षण को पहुँच जाएँ ये कोई नही जानता। वे जब भी कहीं निकलते हैं बिना किसी सूचना के और यही कारण है कि अबतक कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को स्पष्ट आदेश दिया है कि हर हाल में अपराध को रोकना है और इसे निम्नतम स्तर तक लाना है। और अगर थाना क्षेत्र में कोई अपराध होता है तो थानेदार जिम्मेदार होंगे। तथा किसी भी संगीन अपराध का आई ओ थानाध्यक्ष को खुद ही बनना पड़ेगा। दरअसल ये पांडेय का स्वभाव है इसे राजनीति से जोड़कर नही देखा जाना चाहिए।