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देश मे एक तरफ जहां सरकार लगातार विकास की बात करती है वहीं दूसरी तरफ देश की जीडीपी यानि आर्थिक विकास दर लगातार नीचे जा रही है। जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी हो गई है। पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 5 फीसदी पर आई थी। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में विकास दर 7.1 फीसदी रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
कई रेटिंग एजेंसियों ने भी गिरती जीडीपी दर का दिया था अनुमान
26 नवंबर को ही इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अनुमान दिया था कि मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की बढ़ोतरी दर 5.6 फीसदी रहेगी। इससे तकरीबन एक महीना पहले एजेंसी ने 2019-20 में जीडीपी की बढ़ोतरी दर 6.1 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इसके अलावा हाल ही में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी कड़ी टिप्पणी की थी। आईएमएफ ने भी माना था कि भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ‘काफी कमजोर’ है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जताई चिंता
गिरती जीडीपी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज जारी हुए जीडीपी दर बेहद कम हैं और लगातार गिरती जीडीपी चिंता का विषय है, वहीं ये मंजूर नहीं है। देश के लोग चाहते हैं कि विकास दर 8 से 9 फीसदी होनी चाहिए। ये गंभीर चिंता का विषय है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ये भी कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह डर का माहौल है। एक कार्यक्रम में अपनी बात शुरू करने से पहले उन्होंने कहा आज के हालात में वो आम नागरिक और अर्थशास्त्री के नाते अपनी बात रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ” मुझसे कई उद्योगपति मिलते हैं और कहते हैं कि डर है। उन्हें डर लगता है सरकार की अलग अलग एजेंसी की परेशानियों का। डर के कारण बैंकर लोन नहीं दे रहे हैं। वहीं कई उद्योगपति उसी डर के चलते नए उद्योग नहीं लगा रहे हैं।
सुरजेवाला ने भी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी सरकार ने अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के आर्थिक सोच के दिवालियेपन का नतीजा है कि जीडीपी की दूसरे तिमाही की ग्रोथ पिछले 6 साल में सबसे कम हो गई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए जीडीपी का मतलब गोडसे डिवासिव पॉलिटिक्स है जिसकी ग्रोथ लगातार बढ़ रही है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गिरती अर्थव्यवस्था की वजह से देश अब बर्बादी की कगार पर खड़ा हो चुका है जिसकी जिम्मेदार मोदी सरकार है और अब मोदी जी को सामने आकर फेल्ड मोदीनॉमिक्स और पकौड़ानॉमिक्स जो वो देश को पिछले 6 साल से बेचते आए हैं, उसपर स्पष्टीकरण देना चाहिए।