
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-पटना ग्रामीण

स्थानीय लोगों ने खनन और परिवहन विभाग पर गंभीर आरोप लगाया हैं। लोगों का कहना है कि ओवरलोड और तय क्षमता से अधिक वाहनों को राजेंद्र सेतु से गुजरने का आदेश नही होंने के बावजूद अभी भी 40 टन तक की वाहने धड़ल्ले से राजेंद्र सेतु से होकर गुजर रही हैं, जबकि रेलवे सूत्रों के अनुसार सेतु की क्षमता अब वाहन समेत सिर्फ 12 टन के आसपास ही रह गई है और इसीलिए जिलाधिकारी पटना और बेगुसराय के निर्देश पर राजेंद्र सेतु के पटना औऱ बेगूसराय एन्ड पर अवर प्रवर्तन निरीक्षक के साथ खनन पदाधिकारी की तैनाती की गई जो 12/12 घंटे की शिफ्ट में सेतु के दोनों तरफ लगे हाईट गेज के पास तैनात रहेंगे और इस बात की पुष्टि मीडिया में दिए बयनो मे खुद प्रवर्तन अवर निरीक्षक पवन कुमार ने की भी थी। परंतु जिन भारी वाहनों को इनके द्वारा रोका जाना था वो तो रुक नही रहा उल्टे स्थानीय लोगों को परेशान किया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों और वाहन मालिकों के बीच आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।
लोगों का आरोप है कि प्रतिनियुक्त पदाधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति हेतु आते है और छोटी वाहनों से वसूली कर तुरंत चले जाते हैं औऱ उनके जाते ही 40 टन बाली वाहने सेतु से गुजरना शूरू कर देती है, मानो उन्हें इसका पता हो कि पदाधिकारी चले गए हैं, जबकि आदेशानुसार उन्हें 12/12 घंटे के शिफ्ट में ड्यूटी करनी है। कुछ बड़ी वाहने पकड़ी भी गई है तो हाथीदह और चकिया थाना की पुलिस ने पकड़ कर जुर्माना कराया है जबकि प्रतिनियुक्त पदाधिकारीयों द्वारा चार पाँच दिन बीत जाने के बाबजूद एक भी बड़ी और भारी वाहन को नही पकड़ा जा सका। लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सिमरिया स्थित संयुक्त जाँच केंद्र अवैध वसूली का अड्डा बनकर रह गया है। जहाँ से आराम से बड़ी वाहने निकल जाती है औऱ स्थानीय वाहन मालिकों से वसुली किया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोग काफी आहत और आक्रोशित नजर आ रहे हैं। ऐसे में आला अधिकारियों को चाहिए कि प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों की स्थायी ड्यूटी दोनो तरफ सुनिश्चित हो और अवैध वसूली का जो आरोप है उसकी जाँच कराई जाय साथ ही क्षतिग्रस्त राजेंद्रसेतु को बचाने के लिये सख्ती से बड़ी वाहनों और ओवरलोड वाहनों को रोका जाये।