
बिहार ब्रेकिंग-रजनीश सिंह-मधेपुरा

मधेपुरा जिला के आलमनगर और चौसा प्रखंड के 11 पंचायत की एक लाख से अधिक आवादी बाढ़ के चपेट में हैं। सरकार और प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को हर तरह की सहायता उपलब्ध कराने की बात करती है। लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी लोगों के पास किसी तरह की राहत नहीं पहुंची है। कहीं लोग खुले आशामन के नीचे तिरपाल और प्लास्टिक टांग कर रहने को मजबूर हैं। जहाँ लोग बाढ़ आश्रय स्थल में हैं वहां भी एक सप्ताह बाद भी राशन का सामान जलावन आदि नहीं पहुंचा है। बाढ़ पीड़ितों की परेशानी और सिस्टम का मज़ाक देखना हो तो चौसा प्रखंड के चिरोरी में स्थित इस सरकारी स्कुल में रहने वाले पीड़ितों को देखिये।
खापुर के चारो और पानी से घिरे बाढ़ आश्रय स्थल का देखिये जहाँ रहने वाले सैकड़ों परिवार के पास अब तक कोई सहायता नहीं पहुंची है। दूध, पानी और सुखा रासन तो छोड़िये अब तक जिला प्रशासन का फ़ूड पैकेट तक नहीं पहुंचा। जबकि तीन दिन पहले ही 40 हजार फ़ूड पैकेट तैयार करवाया गया है। ऐसे में माँ बच्चे को मछली पका कर खिला रही है तो, कही बच्चा सुखी मुढ़ी या रोटी चबा रहा है, कोई बुजुर्ग तो भूख से पेट में जलन की शिकायत कर रहे हैं। फ़ूड पैकेट बांटने की जिम्मेदारी वाले जन प्रधिनिधि का कहना है कि जितने फ़ूड पैकेट की जरुरत है जिला प्रशासन उतना उपलब्ध ही नहीं कराया है।