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भाजयुमो राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अर्जित शाश्वत चौबे द्वारा हाइकोर्ट में दायर याचिका पर हाइकोर्ट गंभीर दिख रही है। अर्जित शाश्वत चौबे ने विगत 27 सितंबर को हाइकोर्ट में एक एक याचिका दायर कर कहा था कि राज्य में नया मोटर वेहिकल एक्ट लागू होने के बाद से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं। वाहन जांच के दौरान पुलिस व अधिकारियों के द्वारा आमलोगों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट तक की जाती हैं। उन्होंने अपने याचिका में कहा है कि जांच के नाम पर आमलोगों को पुलिस के द्वारा परेशान किया जाता है। उन्होंने साथ ही मांग की थी कि गाड़ी से संबंधित सभी कागजात स्वीकृत मोबाइल एप के माध्यम से मान्य होनी चाहिए। साथ ही बुजुर्गों एवं महिलाओं के साथ विशेष कर अच्छी बर्ताव की जानी चाहिये ताकि लोगों में कानून के प्रति दुर्भावना नहीं पैदा हो।
अर्जित शाश्वत चौबे के द्वारा दायर किये गए याचिका पर हाइकोर्ट के खंडपीठ ने विगत 25 सितंबर को सुनवाई करते हुए गंभीरता से लिया और जस्टिस शिवाजी पांडे और जस्टिस पार्थ सारथी ने बिहार सरकार के अधिवक्ता ललित किशोर से पूछताछ की और अगली सुनवाई की तिथि 27 सितंबर निर्धारित की। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता एसएन पाठक ने अपनी बात कोर्ट के सामने रखा। वहीं अर्जित शाश्वत चौबे ने बताया कि हाइकोर्ट के खंडपीठ ने अगले तिथि में सप्लीमेंट्री पेटिशन डाल कर अन्य विषयों को जोड़ने के लिए कहा है।