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राजधानी स्थित डॉ डी वाई पाटिल पुष्पलता पाटिल इंटरनेशनल स्कूल के परिसर में एसोसिएशन ऑफ़ इंडिपेंडेंट स्कूल्स बिहार की आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। बैठक में बिहार के सौ से अधिक प्राचार्य एवं संचालकों ने हिस्सा लिया। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा निति के नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सी बी सिंह ने स्कूलों को एकजुटता के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शिक्षा विरोधी अनुच्छेदों का विरोध करने का आह्वान किया। वहीँ एसोसिएशन के इस आह्वान पर दिल्ली एवं अन्य राज्यों के स्कूल संगठनों ने भी आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया। एसोसिएशन के महामंत्री डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि इस नीति के लागू होने के साथ ही सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा लेने की संस्थाएं बन कर रह जाएंगी तथा प्राइवेट विद्यालय स्थानीय निकाय की कठपुतली बन जाएंगी। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि विभिन्न स्तरों पर विरोध दर्ज करवाते हुए एसोसिएशन यह मांग करेगी कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पुनर्विचार हो तथा अक्टूबर में प्रस्तावित शिक्षा मंत्रियों के सम्मलेन के पूर्व इस मामले में आवश्यक सुधार लाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए।
बैठक के उपरांत अध्यक्ष डॉ सी बी सिंह ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के पश्चात स्कूल प्रबंधन में स्थानीय नेताओं का बोलबाला हो जायेगा तथा गुणात्मक शिक्षा की बात गौण हो जाएगी। साथ ही नई शिक्षा नीति के अनुसार कक्षा 3 और 5 में भी बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी और छोटे बच्चों पर अनावश्यक मानसिक दवाब बढ़ेगा। बैठक को जय राम शर्मा, प्रो रामायण प्रसाद, डॉ बी प्रियम, अनिल कुमार नाग, जॉय मित्रा, डॉ उमा शंकर प्रसाद, डॉ विष्णु शंकर ओझा, वी के विकी, शैलेश प्रसाद सिंह, अभिषेक सिंह, राधिका के, एडवर्ड अलफोंसे, आर एन सिंह, डॉ विनय कुमार सिंह, फ्रांसिस जेवियर, डॉ शंभुनाथ मिश्रा, कीर्ति प्रकाश, पी के मिश्रा, तारिक रजा, डॉ शाहीना खान, शिबू विक्टोरिया, राजू, तारिक अली खान, सतनाम सिंह, पंकज कुमार, डॉ अजय कुमार, प्रेम जी महाराज, राणा राहुल सिंह, मौसम श्री, मिताली मुखर्जी, डॉ संजय कुमार, डॉ ए के अरुण, बिनय कुमार, गिरीश कुमार झा, मनोज भारद्वाज सहित लगभग 125 विद्यालयों के प्रबंधन प्रमुख एवं प्राचार्य प्रमुख रूप से मौजूद थे।