
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-पटना ग्रामीण

आपको याद होगा उड़ीसा की एक तस्वीर जो पूरे देश के मीडिया की सुर्खियां बनी थी। उस तस्वीर में मृतक के परिजन अपने कंधे पर शव को लादकर ले जाते दिखे थे जिसने पूरे देश को ना सिर्फ शर्मसार किया था बल्कि देश विभिन्न प्रान्तों के स्वास्थ्य व्यवस्था की भी पोल खोलकर रख दी थी। वो तो फिर भी देहात की बात थी लेकिन अगर राजधानी जिले की ऐसी हालत हो तो आप क्या कहेंगे? अभी अभी चमकी बुखार ने दर्जनों मासूम को लीलते हुए चरमराते स्वास्थ्य व्यवस्था की कहानी बयां की थी। सरकारी अस्पतालों में स्वच्छता के स्थान पर गंदगियों का अंबार तो आम बात है ही।
आज ऐसा ही शर्मसार करने बाला वाकया पटना जिले के बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिला जहाँ परिजन शव को बाईक से ले जाते दिखे। उन्हें एम्बुलेंस न होने की बात कह कर चलता कर दिया गया। जब अस्पताल प्रबंधन को मीडिया ने घेरा तो वे मुँह छिपाते और बहाने बनाते नजर आए। जरा सोंचिये जिस सूबे के राजधानी की ऐसी हालत हो तो फिर अन्य जिलों के स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति क्या होगी?