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मोदी सरकार के लिए मंगलवार का दिन वाकई मंगल साबित हुआ और राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया। बिल पास होने के बाद अब तीन बार तलाक बोल कर छुटकारा पाना आसान तो नहीं ही रहा उल्टे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। 25 जुलाई को लोकसभा से तीन तलाक बिल पास हुआ था और आज राज्यसभा में पास होने के साथ ही संसद के दोनों सदनों से ये बिल पास हो गया है। राज्यसभा में आज बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े और बिल के विरोध में 84 वोट पड़े। अब इस बिल को राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा। बिल के पास होने से पहले इसे सेलेक्ट कमिटी में भेजे जाने को लेकर वोटिंग हुई जिसमें पक्ष में 84 वोट पड़े और विरोध में 100 वोट पड़े। इस तरह सेलेक्ट कमिटी को भेजे जाने का प्रस्ताव राज्यसभा में गिर गया। सेलेक्ट कमिटी के मुद्दे पर सरकार को जीत मिलने के बाद साफ था कि सरकार तीन तलाक बिल आज पास करा लेगी। संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसके बाद तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।
तीन तलाक बिल पास होने से पहले राज्यसभा में लंबी बहस चली। सत्तारूढ़ एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और एआईएडीएमके ने तीन तलाक बिल का विरोध किया और दोनों पार्टी ने सदन से वॉकआउट किया। इसके अलावा टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और बीएसपी ने भी सदन से वॉक आउट किया। इसके अलावा विपक्ष के कई सांसद सदन में अनुपस्थित रहे। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक प्रसिद्ध न्यायाधीश आमिर अली ने 1908 में एक किताब लिखी है। इसके अनुसार तलाक ए बिद्दत का पैगंबर मोहम्मद ने भी विरोध किया है। प्रसाद ने कहा कि एक मुस्लिम आईटी पेशेवर ने उनसे कहा कि तीन बेटियों के जन्म के बाद उसके पति ने उसे एसएमएस से तीन तलाक कह दिया है। उन्होंने कहा ‘एक कानून मंत्री के रूप में मैं उससे क्या कहता? क्या यह कहता कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को मढ़वा कर रख लो। अदालत में अवमानना का मुकदमा करो। पुलिस कहती है कि हमें ऐसे मामलों में कानून में अधिक अधिकार चाहिए।’ उन्होंने शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार द्वारा लाये गये विधेयक का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं नरेन्द्र मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार का कानून मंत्री नहीं हूं।’ उन्होंने कहा कि यदि मंशा साफ हो तो लोग बदलाव की पहल का समर्थन करने को तैयार रहते हैं। प्रसाद ने कहा कि जब इस्लामिक देश अपने यहां अपनी महिलाओं की भलाई के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो हम तो एक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हमें यह काम क्यों नहीं करना चाहिए? उन्होंने कहा कि तीन तलाक से प्रभावित होने वाली करीब 75 प्रतिशत महिलाएं गरीब वर्ग की होती हैं। ऐसे में यह विधेयक उनको ध्यान में रखकर बनाया गया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम ‘सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास’ में भरोसा करते हैं और इसमें हम वोटों के नफा नुकसान पर ध्यान नहीं देंगे और सबके विकास के लिए आगे बढ़ेंगे और उन्हें (मुस्लिम समाज को) पीछे नहीं छोड़ेंगे। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पास होने के बाद कहा कि राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास होने के बाद आज एक ऐतिहासिक दिन है और ये पहले लोकसभा से पास हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है। अब और तलाक-तलाक-तलाक नहीं।
तीन तलाक बिल में क्या है
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी’। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा