
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-बाढ़

सूबे के पंचायतों से लेकर प्रखण्ड मुख्यालयों तक भ्रष्टाचार अपनी गहरी जड़े जमा चुकी है। सूबे के किसी भी ब्लॉक या पंचायत का यही स्थिति है। बिना नजराना के आपका एक भी काम नही हो सकता, फिर चाहे प्रमानपत्र बनाना हो या राशि का आवंटन हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सरकार जितनी पारदर्शिता बरतने का प्रयास करती है उनके मातहत और जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार की मंशा को मिट्टी में मिलाते देर नही लगती। भ्रष्टाचार के दलदल में फँसकर आम जनमानस विवशता से कराहने के सिबा कुछ नही कर पा रही। ताजा मामला राजधानी जिले से जुड़ा है। जहाँ बाढ़ के समीप पंडारक में प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाली राशि मे गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
मामला पण्डारक प्रखंड के चकजलाल पंचायत का है जहाँ श्रवण तांती ने जिलाधिकारी से राशि मे गड़बड़ी के मामले की जांच की मांग की है। श्रवण की माने तो 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चयन गया था पर इनकी राशि किसी और को दे दिया गया। पर राशि का उठाव इनके नाम पर किया गया है। जब जांच टीम आवास की जांच में गई तो मामले का खुलासा हुआ। पण्डारक प्रखंड के कई ऐसे पंचायत है जहाँ दलालों द्वारा ऐसा काम किया जा रहा है। वहीं प्रखंड बिकास पदाधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं। क्योंकि उनके पास बोलने के लिये कुछ बचा नही है। हालाँकि ये तो उदाहरण मात्र है, आप इस बात से इनकार नही कर सकते कि प्रखण्ड और अंचल कार्यालय आज सूबे में दलाली का सबसे बड़ा अड्डा बनकर उभरा है।