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1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण के क्रम में उन्होंने रेवेन्यू एंड कैपिटल रिसोर्स एंड एक्सपेंडीचर, रिसोर्स 2018-19, डिपार्टमेंट वाइज एक्सपेंडीचर 2018-19 एवं क्वाटरली एक्सपेंडीचर ट्रेंड के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रधान सचिव ने जीएसडीपी के रिसाेर्सेज, एफआरबीएम इंडिकेटर्स, एडिशनल लाइबिलिटीज एवं बजट 2019-20 पर विस्तार से जानकारी दी। कंप्रीहेंन्सिव फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के लागू होने के पश्चात अब पूर्णतः पेपरलेस कार्यालय हाेगा, इस तरह का कार्य करने वाला बिहार दूसरा राज्य है। गवर्नमेंट ई-मार्केटिंग के फायदाें के बारे में, रीस्ट्रक्चरिंग ऑफ फाइनेंस एडमिनिस्ट्रेशन तथा जीपीएफ काे कांटेक्टलेस बनाने के संबंध में भी प्रस्तुतीकरण के क्रम में जानकारी दी गयी।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों के वित्तीय स्थिति की देख-रेख के लिए एक व्यवस्था बनाने की जरूरत है ताकि वित्तीय प्रबंधन बेहतर हो सके और आवंटित राशि को समय सीमा के अंदर खर्च करने की व्यवस्था हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों की आमदनी बढ़ रही है, मध्यम वर्ग के लोगों की भी क्रय शक्ति बढ़ी है, राज्य में बाजारों की स्थिति बेहतर हुई है, यह एक तरह की आर्थिक प्रगति का सूचक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त विभाग को एडिशनल लाइबिलिटी के लिए तैयार रहने की जरूरत है। कई जनोपयोगी योजनाएं चलायी जा रही हैं, जैसे किसानों के लिए बिजली सब्सिडी, पुराने सरकारी जर्जर भवनों की मरम्मत एवं निर्माण, मेंटेनेंस पॉलिसी, नल-जल योजना, स्वच्छता, प्रदूषण की रोकथाम, सामाजिक सुरक्षा याेजनाएं इत्यादि। उन्होंने कहा कि लोगों की प्रवृत्ति बदल रही है, जिसके अनुरूप नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिसके लिए बेहतर वित्तीय प्रबंधन जरूरी है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार माेदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त सुभाष शर्मा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव वित्त (व्यय) राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चंद्रशेखर सिंह सहित वित्त विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।