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हिंदु पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की पूर्णिमा पर भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाई जाती है. इस साल यह पूर्णिमा आने वाले शनिवार मतलब 18 मई को पड़ रही है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार की बुद्ध पूर्णिमा पर बेहद दुर्लभ योग बन रहा है, जिसके चलते इस योग के दौरान किए कार्यों में सफलता मिलना निश्चित है. इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर मंगल और राहु मिथुन राशि में और उनके ठीक सामने धनु राशि में शनि और केतु होंगे. इसके अलावा सूर्य और गुरू भी एक दूसरे के सामने ही होंगे. बता दें इससे पहले यह दुर्लभ योग मई 1517 में बना था और अब इसके बाद 205 सालों बाद मतलब 2224 में इस योग के बनने की संभावना है. बुद्ध पूर्णिमा पर इस बार समसप्तक संयोग बन रहा है, जिसके चलते हर बार की तुलना में इस बार इसका महत्व और भी बढ़ गया है.
समसप्तक राजयोग
देवगुरु बृहस्पति और नवग्रहों के राजा सूर्यदेव जब आमने-सामने होने के समय को समसप्तक राजयोग कहते हैं. इस बार यह राजयोग बुद्ध पूर्णिमा के दिन बन रहा है, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस योग में जो भी व्यक्ति शुभ कार्य की शुरुआत करता है उसे इसमें सफलता मिलती ही है. इस दिन से नए कार्य की शुरुआत भी बेहद शुभ मानी जाती है.