
बिहार ब्रेकिंग

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बेगूसराय लोकसभा सीट बिहार के महत्वपूर्ण सीटों में से एक बनती जा रही है। बेगूसराय सीट पर एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमों में ‘एक अनार, सौ बीमार’ वाली कहावत चरितार्थ होते दिख रहा है। एक तरफ जहां एनडीए में स्थानीय बनाम बाहरी उम्मीदवार को लेकर दो खेमे बन गए हैं, वहीं महागठबंधन में राजद और सीपीआई दोनों ने ही अपनी अपनी दावेदारी ठोक दी है। बताते चलें कि आजकल चुनाव और सीट बंटवारा को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है और बेगूसराय लोकसभा सीट के लिए अटकलें लगाई जा रही है कि एनडीए से भाजपा के कद्दावर नेता सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह उम्मीदवार होंगे।
इन अटकलों के बीच एनडीए का एक खेमा तो यह कह कर खुश है कि सभी सीटों पर नरेंद्र मोदी खड़ा है इसलिए मेरा वोट एनडीए को तो वहीं दूसरा खेमा स्थानीय उम्मीदवार की मांग को लेकर अड़ा है। एनडीए के दूसरे खेमे में भी दो दल बंटे हुए हैं। एक भाजपा का जो युवा नेता और बेगूसराय खगड़िया के एमएलसी रजनीश को उम्मीदवार बनाये जाने की मांग पर अड़ा है तो दूसरा दल जदयू के कद्दावर नेता और मटिहानी विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने की मांग कर रहा है। हालांकि अभी तक एनडीए के तरफ से उम्मीदवार बनाए जाने की बात पर कुछ भी साफ नहीं हुआ है बावजुद इसके जदयू विधायक नरेंद्र सिंह उर्फ बोगो सिंह ने साफ साफ कह दिया है कि एनडीए के तरफ से बेगूसराय लोकसभा सीट से उम्मीदवार चाहे जो भी हो अगर स्थानीय हो तो उसे जितवाने में एड़ी चोटी एक कर देंगे लेकिन अगर उम्मीदवार बाहरी हुआ तो फिर गलत बात होगी।
उधर महागठबंधन में भी बेगूसराय सीट से उम्मीदवारी को लेकर खींच तान लगातार जारी है। एक तरफ जहां सीपीआई ने डॉ कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर चुकी है तो वहीं राजद प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन ने भी अपनी दावेदारी ठोक दी है। कन्हैया के उम्मीदवारी पर जहां महागठबंधन ने अब तक चुप्पी नहीं तोड़ी है वहीं राजद नेता तनवीर हसन ने सीपीआई की ओर से कन्हैया को बेगूसराय की सीट पर चुनाव लड़ाने के दावे पर जमकर भडास निकाली है। तनवीर हसन ने कहा है कि सीपीआई अभी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है। इसलिए महागठबंधन में शामिल होने से पहले इस तरह का दावा गलत है। तनवीर हसन ने यह भी कहा है कि कन्हैया कहां से चुनाव लड़ते हैं यह उनकी पार्टी और उनका मामला है।
इधर एनडीए और महागठबंधन दोनो ही खेमों में उम्मीदवार तय नहीं किये जाने से मतदाता खासे कंफ्यूज नजर आ रहे हैं तो कार्यकर्ता भी उम्मीदवार को लेकर कुछ कहने से बचते नजर आ रहे हैं।