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जम्मू कश्मीर में सेना के उपर बहुत बड़ा आतंकी हमला जिसमें करीब चालीस जवान शहीद हो गए। सूत्रों के मुताबिक जम्मू से श्रीनगर जा रहे सेना के काफिले पर आतंकियों ने पहले गोलीबारी की फिर कार के जरिये आईइडी ब्लास्ट कर दिया। हमले मे करीब चालीस सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को निशाना बना कर किए गए आईईडी विस्फोट की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है। सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि ये एक आत्मघाती हमला है। इस आत्मघाती हमले को जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया। हमले में 45 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं। जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था।
हमला तब हुआ जब सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से कश्मीर जा रहा था। काफिले में 70 वाहन थे। इसमें से एक बस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 2001-02 में आतंकियों ने इसी तरह के फिदायीन हमले को अंजाम दिया है। सेना का कहना है कि सेना ने जिस तरह से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया है, उसमें उनकी बौखलाहट बढ़ गई है। इसी कारण उन्होंने आईएसआईएस की तर्ज पर ये हमला किया है।
जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर विचार विमर्श के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की शुक्रवार को बैठक होगी। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक पुलवामा की फिदायिन हमले की घटना की पृष्ठभूमि में हो रही है जिसमें 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए हैं। सीसीएस की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं तथा रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री एवं वित्त मंत्री इसमें शामिल हैं। सीसीएस सुरक्षा एवं सामरिक मामलों पर निर्णय करती है।