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बिहार विधानसभा बजट सत्र के दुसरे दिन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार का बजट पेश किया। बिहार का वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए दो लाख पांच सौ एक करोड़ रूपये का बजट पेश किया गया। बजट में शिक्षा को सबसे ऊपर रखा गया है और सबसे अधिक खर्च भी किया गया है। बजट के शुरुआत में दिए गए भाषण में सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार वित्तीय प्रबंधन में आगे है और कई राज्य बिहार को फॉलो कर रहे हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि आंध्र और तेलंगाना समेत केरल भी हमसे पीछे है।
अपने भाषण के दौरान सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की खुदरा महंगाई दर 2.7 है। 2013 के मुकाबले राज्य में महंगाई दर में भारी गिरावट आई है। साथ ही क्रिसिल रिपोर्ट का हवाला देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का पूंजीगत व्यय बढ़ा है। वित्तीय प्रबंधन से बिहार का बेहतर विकास हुआ है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बिहार को इस साल आर्थिक और सामाजिक सुधार के लिए 11 अलग-अलग पुरस्कार मिले हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार को भी आगे भी इसी तरह से पुरस्कार मिलते रहेंगे और हम आगे बढ़ते रहेंगे।
सुशील कुमार मोदी के बजट को एक नजर में देखते हैं-
• बजट में सबसे अधिक शिक्षा मद में 34 हजार 798 करोड़ खर्च किया गया है।
• 2019-20 11 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
• बिहार सरकार पुलिस पर 10 हजार 968 करोड़ खर्च करेगी।
• एक लाख 55 हजार करोड़ का राजस्व व्यय की भी घोषणा की गई।
• जानवरों के लिए 14 जिलों में 186 कैटल ट्रफ का निर्माण प्रगति पर है. इसे 15 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।
• 901 करोड़ किसानों के खाते में ट्रांसफर किया गया।
• लघु एवं सीमांत किसानों को 6 हजार प्रति किसान देने का फैसला भी बजट में किया गया है।
• ग्रामीण विकास पर 15 हजार 669 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
• पीएमसीएच के लिए 5540 करोड़ की योजना का निर्णय बजट में लिया गया है।
• गृह विभाग पर 11 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे।
• आर्थिक वर्ष 2019-2020 में 24 हजार 420 करोड़ ऋण देने का प्रावधान है।
• हरित योजनाके तहत पैक्स के लिए 1692 करोड़ की योजना को मंजूरी मिली है।
• पोशाक राशि 1000 रूपए से बढ़ाकर 1500 कर दिया गया है।
• पटना में सीसीटीवी लगाने के लिए 110 करोड़ स्वीकृत किया गया है।
• साइकिल योजना के लिए 292 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
• 2019-20 में 8894 करोड़ उर्जा विभाग खर्च करेगा।