
– रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने पर हुई कार्रवाई

मोतिहारी, पूर्वी चंपारण (रिपोर्ट – दीपक सिंह) : गत सप्ताह रिश्वत लेते मुफस्सिल इंस्पेक्टर कमलेश्वर मिश्रा का वायरस वीडियो विभिन्न समाचार पत्र,चैनल तथा सोशल मीडिया के सुर्खियों में रहा। इस मामले को एक सप्ताह पूर्ण होने के बाद आखिकार विलंब से ही सही लेकिन करवाई हो गई । यह बात दीगर है कि यह कार्रवाई पब्लिक में हो रही किरकिरी से बचने के लिए की गई, दूर दूर तक हकीकत से इसका कोई वास्ता नहीं है।
– रिश्वतखोर इंस्पेक्टर पर बड़े साहब भी हैं मेहरबान
सच है जिसपर वरीय अधिकारियों की मेहरबानी हो उसकी सभी उंगलियां घी में होती है। साहब के रिश्वतखोरी की बात प्रकाश में आने के बाद बेमन से सिर्फ कागज़ों में कार्रवाई की गई, हकीकत में नहीं। जो ईमानदार होने का दंभ भरने वाले बड़े साहब के तथाकथित ईमानदारी पर सवालिया निशान है। बड़े साहब के मेहरबानी से इंस्पेक्टर मिश्रा लाइन हाजिर होने के दूसरे दिन बाद भी शुक्रवार को चुनाव जैसे लोकतंत्र के महापर्व में मुफस्सिल इंस्पेक्टर के हैसियत से अपना रिपोर्ट सौंपे हैं। इसे बड़े साहब का मेहरबानी नहीं तो और क्या कहें..!
– क्या था मामला
एक शराब माफिया के प्रभाव में आ कर इंस्पेक्टर श्री मिश्रा द्वारा जयसिंहपुर निवासी मैनेजर यादव के केस को रिश्वत लेने के वावजूद भी कमजोर कर दिया गया था। चर्चा है कि शराब माफिया द्वारा ऐसा कृत्य इंस्पेक्टर मिश्रा ने मोटी रकम रिश्वत के रूप में लेने के एवज में की। जिस कारण मैनेजर न्याय से वंचित रह गया, और आज दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है।
– क्यों हुई कार्रवाई में विलंब
स्थानीय सक्षम पदाधिकारी मामले में कार्रवाई के बदले जाँच की बात कह टालमटोल कर रहे थे। लेकिन पुलिस मुख्यालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद उक्त इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर किया गया। ऐसे मामलों के कार्रवाई में विलंब होने से सक्षम अधिकारियों के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।
– इंस्पेक्टर के विरुद्ध न्यायालय में शिकायत
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्याय से वंचित मैनेजर यादव कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को विवश है। जो इंस्पेक्टर मिश्रा के विरुद्ध न्यायालय में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।