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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने हड़ताल पर गए डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एंबुलेंस कर्मियों के पक्ष में एक बड़ा निर्देश दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन एवं सिविल सर्जन को साफ शब्दों में कहा है कि कर्मी भले ही सीधे तौर पर सरकार से ना जुड़े हो लेकिन मानवता के लिहाज से उनको नियमित रूप से वेतन भुगतान तथा अन्य सुविधाओं का दिया जाना बेहद आवश्यक है। ऐसे में जिला प्रशासन तथा सिविल सर्जन सुनिश्चित कराएंगे की एजेंसी कर्मियों को नियमित रूप से मानदेय का भुगतान करें। यदि संबंधित एजेंसी ऐसा करने में विफल होती है तो उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाए।
दरअसल नेत्र स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन करने पहुंचे सांसद से जब मीडिया कर्मियों ने यह सवाल पूछा कि डाटा एंट्री ऑपरेटर ऐसा एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के संदर्भ में उनका क्या कहना है तब उन्होंने पास खड़े सिविल सर्जन से इसकी जानकारी मांगी। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि संबंधित कर्मी राज्य स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत नहीं आते हैं। वह एजेंसी के माध्यम से कार्यरत है। यह सुनते हैं सांसद ने साफ शब्दों में कहा कि भले ही कर्मी एजेंसी के तहत काम कर रहे हो लेकिन उनके मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराना सिविल सर्जन तथा जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है तथा इसे किसी भी कीमत पर पूरा किया जाना चाहिए।
चौबे के इस बयान से डाटा एंट्री ऑपरेटर तथा एंबुलेंस कर्मियों के बीच हर्ष व्याप्त है
ज्ञातव्य है कि दिल्ली में रहते हुए जब केंद्रीय मंत्री श्री चौबे को डाटा आपरेटरों और एंबुलेंस सेवा के ड्राइवरों के समस्याओं का पता चला तो उसके समाधान के लिए वहीं से वह प्रयत्नशील हो गए थे। आज बक्सर में धरना स्थल पर ही श्री चौबे ने इसके समाधान हेतु सख्त निर्देश देने का काम किया।