
बिहार ब्रेकिंग

विगत वर्ष सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह के 350वें जयंती पर पटना में प्रकाशोत्सव के आयोजन ने बिहार को अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर एक अच्छी छवि के रूप में प्रस्तुत किया था लेकिन किसे पता था कि इसी आयोजन के आड़ में कुछ लोग घोटाला भी कर रहे हैं। यह मामला है प्रकाशोत्सव के आयोजन में एक बड़ी राशि के घोटाला का। घोटाले का पर्दाफास होने से बिहार पुलिस के नीचे से उपर तक के सभी सभी अधिकारीयों की नींद हराम हो गई है। विगत वर्ष प्रकाशोत्सव के आयोजन की तैयारी में साजसज्जा और सिपाहियों के खाने पीने का व्यवस्था करने का जिम्मा मिला था पुलिस विभाग को। तैयारी में जिन तीन फर्मों ने काम किया, उनके भुगतान के नाम पर अवैध निकासी की गई और भुगतान भी दो बार किया गया। इसमें कुल क छियासठ लाख रूपये के गबन की आशंका जताई जा रही है। प्रकाशोत्सव के करीब छः महीने बाद पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने मामले की जाँच की अनुशंसा पटना आईजी से की थी। जांचोपरांत आईजी के निर्देश पर डीआईजी राजेश कुमार ने कार्रवाई करते हुए एक हेड क्लर्क और दो लेखापाल और सात सिपाहियों को निलंबित कर दिया। साथ ही तत्कालीन ग्रामीण एसपी और चंपारण के मौजूदा डीआईजी ललन मोहन प्रसाद और एक अन्य एएसपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। डीआईजी ने पटना एसएसपी को लेखा शाखा का ऑडिट करने का भी निर्देश दिया है।