
बिहार ब्रेकिंग-सुमित कुमार-बेगूसराय

बेगूसराय जिले के पतित पावनी पवित्र गंगा तट सिमरिया में आयोजित साहित्यिक आध्यात्मिक महाकुंभ के चौथे दिन मंगलवार को रामकथा वाचक मोरारी बापू के रामकथा में सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। मंगलवार को मोरारी बापू ने कुकवि के प्रति समाज मे व्याप्त कुव्यवस्था, धर्म के नाम और भीड़ और राष्ट्र के प्रति केवल द्रोह प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि अगर कवि व्यास न होते तो रामायण और महाभारत जैसे ग्रन्थ नहीं होते। दिनकर नहीं होते तो रश्मिरथी नहीं होती। उन्होंने कहा कि कवि के दिल मे किसी व्यक्ति के प्रति द्वेष नहीं होता है, और वह अपने कविता से समाज को झकझोर दे।
उन्होंने आगे कहा कि असावधानी से समस्या प्रकट होती है और सावधानी से समाधान। राम परम् विचार है जिसका कभी नाश नहीं होता उसका। उन्होंने अपने कथा के दौरान कहा कि न मैं किसी का गुरु हूं और न मेरा कोई शिष्य। जगत में गुरु तो एकमात्र देवाधिदेव महादेव हैं। साथ ही कथा के दौरान उन्होंने जब मैथिली गीत ‘ए पहुना आवु मिथिले में रहू न’ गाया तो सुनने वाले भाव विभोर और मंत्रमुग्ध हो गए। कथा के दौरान संपूर्ण मिथिलांचल समेत राज्य और देश के अन्य हिस्सों से भारी संख्या में श्रद्धालु सिमरिया पहुंचे।