
बिहार ब्रेकिंगः 2019 के लिहाज से राजनीतिक गलियारों से बेहद अहम खबर सामने आ रही है। खबर है कि एनडीए में लंबे वक्त से उलझा सीटों का मसला अब सुलझ गया है। हांलाकि इसकी आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन टीवी चैनल ‘एनडीटीवी’ के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि एनडीए के घटक दल जदयू-रालोसपा, लोजपा जैसी पार्टिंयों को बीजेपी बिहार में कितनी सीटें देगी यह तय हो गया है।
बीजेपी सूत्रों के हवाले से मीडिया ने बताया कि बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है. इस बंटवारे के तहत भाजपा के हिस्से में 17 और जदयू के हिस्से में 16 सीटें आयी हैं. वहीं लोजपा को 5 तथा रालोसपा को 2 सीटें दी गयी हैं. अब लोजपा और रोलासपा अपनी सीटों की कटौती को लेकर क्या करेगी, अभी से नहीं कहा जा सकता है. लेकिन इसे लेकर बिहार एनडीए में बवाल मचना तय माना जा रहा है.कहा जा रहा है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में 30 सीटों पर लड़ने वाली भाजपा को इस बार कई जीती हुई सीटें भी छोड़नी पड़ेगी. वर्तमान में भाजपा के 22 सांसद हैं. लेकिन भाजपा के हिस्से 17 सीटें ही आ रही हैं. ऐसे में उसकी पार्टी के 5 सांसद बेटिकट होंगे. इसमें सबसे अधिक फायदे में जदयू के नीतीश कुमार हैं. उनके वर्तमान में महज दो सांसद ही हैं. अब जदयू को 16 सीटें मिल रही हैं.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सबसे दुखद स्थिति लोजपा और रालोसपा की होनेवाली है. लोजपा के पास अभी 6 सांसद हैं और उनके 7 कैंडिडेट 2014 के चुनाव में खड़े हुए थे. लेकिन रिपोर्ट के अनुसार लोजपा के कोटे में 5 सीटें ही दी जा रही हैं. यानी 1 सांसद के बेटिकट होने की पूरी उम्मीद है. वैसे लोजपा के अपने सांसद बीणा देवाी, रामाकिशोर सिंह उर्फ रामा सिंह और महबूब अली कैसर से अच्छे संबंध नहीं चल रहे हैं.
इसी तरह पिछले चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने तीन सीटों पर अपने कैंडिडेट को उतारा था. रालोसपा के तीनों कैंडिेडेट जीत गये थे. पार्टी की झोली में तीनों सीटें क्रमशरू काराकाट, जहानाबाद और सीतामढ़ी आ गयी थीं. लेकिन नयी रिपोर्ट के अनुसार रालोसपा को दो सीटें ही दी गयी हैं.
बहरहाल भले हीं सीटों का मसला साफ होता हुआ नजर आ रहा हो लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सीटों की संख्या को लेकर लोजपा और रालोसपा जैसे एनडीए के घटक कितने संतुष्ट हैं। सवाल यह भी है कि सीटों के बंटवारे के बाद क्या उपेन्द्र कुशवाहा बीजेपी से अपनी यारी जारी रखेंगे?