
बिहार ब्रेकिंग डेस्क

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में उद्योग क्रांति ने अपनी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। बीते वर्ष दिसंबर में राजधानी पटना में आयोजित बिजनेस कनेक्ट में हस्ताक्षरित एमओयू में से 75 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी प्राप्त प्रस्तावों को दो मुख्य श्रेणियों ग्राउंडेड और नन-ग्राउंडेड में विभाजित किया गया है।
ग्राउंडेड परियोजनाओं का मतलब वैसे प्रस्तावों से हैं, जिन्हें निजी या बियाडा के माध्यम से सरकारी जमीन मिल गई है। इसमें वैसी योजनाएं भी शामिल हैं, जो पहले से क्रियान्वित की जा रही हैं। वहीं, नन-ग्राउंडेड श्रेणी में वैसी योजनाओं को रखा गया है, जो विभिन्न स्तर पर स्वीकृति की प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इसमें वे परियोजनाएं शामिल हैं, जिनके निवेशक उपर्युक्त भूमि की पहचान, परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) का अंतिम रूप, आंतरिक अनुमोदन की प्रक्रिया या अन्य परिचालन पक्षों पर कार्य कर रहे हैं।
हस्ताक्षर हुए एमओयू में ग्राउंडेड एमओयू की संख्या 317 है। यानी इतने प्रस्तावों को मूर्तरूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें विभिन्न सेक्टर में 82 हजार 584 करोड़ रुपये के निवेश की कवायद तेजी से चल रही है। इनमें 11 हजार 16 करोड़ रुपये के 53 ऐसे प्रस्ताव हैं, जिनके लिए निजी या बियाडा से सरकारी भूमि मिल चुकी है। इसके अलावा 6 हजार 794 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन पर विभिन्न विभागों से अनुमोदन मिल चुका है या इसकी प्रक्रिया जारी है। खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य समेत अन्य में निवेश अधिक निवेश से जुड़े जो प्रस्ताव जमीन पर उतरने लगे हैं, उसमें खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े 12 हजार 544 करोड़ रुपये के 49 प्रस्ताव, टेक्सटाइल क्षेत्र में 730 करोड़ रुपये के 16, लॉजिस्टिक में 1 हजार 427 करोड़ रुपये के 7, प्लास्टिक में 665 करोड़ रुपये के 5, आईटी में 202 करोड़ रुपये के 12, स्वास्थ्य क्षेत्र में 1 हजार 328 करोड़ रुपये के 30, रियल एस्टेट में 2 हजार 920 करोड़ रुपये के 4, ऊर्जा क्षेत्र में 37 हजार 950 करोड़ के 3, पर्यटन क्षेत्र में 1 हजार 647 करोड़ रुपये के 11 के अलावा कुछ अन्य क्षेत्रों में निवेश से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि बिहार के इतिहास में यह पहली बात हुआ है। एक साथ 423 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। समझौता पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद उद्योग विभाग की टीम लगातार निवेशकों से संपर्क करके इसे मूर्तरूप देने में जुटी हुई है। इस दिशा में सतत मॉनीटरिंग की जा रही है। निवेशकों की हर जरूरत का ध्यान रखते हुए विभाग के स्तर पर प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने की कवायद निरंतर जारी है