बिहार ब्रेकिंगः शायद 2014 की बात है जब नीतीश कुमार के रिश्ते बीजेपी के साथ बेहद तल्ख थे। दोस्ती टूट चुकी थी। नीतीश कुमार पार्टी की किसी बैठक को संबोधित कर रहे थे। अपनी सेकुलर इमेज को और चमक देने के लिए नीतीश कुमार ने एक बात कही थी। उन्होंने कहा था कि ‘सबको साथ लेकर चलना होगा। यहां टोपी भी पहननी पड़ेगी और टीका भी लगाना पड़ेगा। दरअसल तीर का निशाना तब पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी थे। क्योंकि तब एक खबर सामने आयी थी कि नरेन्द्र मोदी गुजरात में अपने उपवास कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम टोपी पहनने से मना कर दिया था, उसे ठुकरा दिया था। तब नीतीश कुमार की यह लाइन की टोपी भी पहननी पड़ेगी और टीका भी लगाना पड़ेगा’ ने खूब तालियां बटोरी थी। खबरों की सुर्खियां थी लेकिन विडम्बना देखिए कि उनकी हीं पार्टी के नेता उनकी यह लाइन या यूं कहें कि यह नसीहत भूल गये। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि नीतीश सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता विजेन्द्र यादव ने उनकी सेकुलर इमेज को लेकर बेपरवाही दिखायी है एक तरह से उस इमेज को आंशिक रूप से हीं सही लेकिन नुकसान पहुंचाया है। क्योंकि मौसम चुनाव का है। जेडीयू के ये नेता हैं विजेन्द्र यादव।दरसल, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के खास कबीना मंत्री बिजेंद्र यादव तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए कटिहार पहुंचे थे. उनके साथ विधान परिषद के उपसभापति हारून रशीद, एमएलसी खालिद अनवर समेत कई नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां मंच पर स्वागत के दौरान सभी मुख्य अतिथियों को सम्मान स्वरूप टोपी पहनाई गई. लेकिन मंत्री बिजेंद्र यादव ने इस्लामी टोपी पहनने से इनकार कर दिया.बिजेंद्र यादव के इस रवैये को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. जनचेतना मंच के अध्यक्ष मोहम्मद सलाउद्दीन ने कहा कि जेडीयू अब पूरी तरह से बीजेपी के एजेंडे पर काम कर रही है. इसलिए पहले तो मंत्री जी ने मजार पर जाने से मना किया और फिर सार्वजनिक मंच पर अल्पसंख्यको की आस्था से जुड़ी टोपी पहनने से इनकार कर दिया. इस मामले पर बिजेंद्र यादव ने अभीतक कोई सफाई नहीं दी है.लेकिन इस मामले पर सफाई देते हुए जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद मोजिद ने कहा कि बिजेंद्र यादव ने टोपी भले नहीं पहनी, लेकिन कबूल तो ली है, इसलिए इस बात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.सबसे बड़ा सवाल आरजेडी की तरफ से उठाया जा रहा है.आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भला ऐसा मौका किसे गवां सकते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ रहकर अपना सेक्यूलर क्रेडेंशियल सलामत रखने की नीतीश कुमारकी कवायद की पोल खुल गई है . उन्होंने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार के कबीना मंत्री ने पहले तो मंत्री जी ने मजार पर जाने से मना किया और फिर सार्वजनिक मंच पर अल्पसंख्यको की आस्था से जुड़ी टोपी पहनने से इनकार कर दिया।
