
बिहार ब्रेकिंग

गोएथे-इंस्टीट्यूट/मैक्स म्यूएलर भवन ने जर्मन भाषा केंद्र, पटना के सहयोग से बिहार और झारखंड में किंडरउनी हिंदी का शुभारंभ किया। किंडरउनी एक ऑनलाइन शैक्षिक परियोजना है जो बच्चों की रचनात्मक सोचने की क्षमता को प्रोत्साहित करती है। इस बड़े शैक्षणिक पहल के साथ, गोएथे-इंस्टीट्यूट की निदेशक एस्ट्रिड वेगे ने जर्मन भाषा केंद्र के नए प्रॉस्पेक्टस और वॉल ऑफ फेम के साथ साथ नए भव्य लोगो का भी अनावरण किया। एस्ट्रिड वेगे ने बताया कि गोएथे-इंस्टीट्यूट/मैक्स म्यूएलर भवन का अपने सहयोगी संस्थान जर्मन भाषा केंद्र के सहयोग से बिहार और झारखण्ड में हिंदी माध्यम के स्कूलों के बच्चों तक एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के क्षेत्र में विश्व स्तर का ज्ञान प्रदान करने का इरादा है। किंडरउनी’ (किंडरयूनिवर्सिटी का एक संक्षिप्त नाम) कार्यक्रम को बच्चों की सहज रुचि और जिज्ञासा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यहाँ उन्हें वैसे प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में मिल जायेंगे जिससे वे आमतौर पर अपरिचित रहते हैं इसके साथ ही उन्हें जर्मन भाषा से भी परिचित होने का अवसर मिलता है। किंडरउनी हिंदी बिहार और झारखण्ड के 8-14 वर्ष की आयु (वर्ग 2-8) के स्कूली बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।
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इस कार्यक्रम के सहभागी स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों को तीन मुख्य संकायों – मानव जाति, प्रकृति और प्रौद्योगिकी – के बारे में जानने और एक विश्वविद्यालय में उपलब्धि के विभिन्न स्तरों तक पहुंचने में मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। वेगे ने हिंदी में किंडरउनी की शुरूआत पर जोर दिया, ताकि कम संसाधन वाले छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिल सके। अर्चना रानी ने कहा कि झारखंड सरकार ने अपने 15 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जर्मन को पेश करने के लिए हरी झंडी दे दी है। बिहार सरकार के एसपीडी सेल के साथ परियोजना के अनुमतिपत्र जारी करने के लिए बातचीत चल रही है।
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किंडरउनी’ कार्यक्रम डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से बच्चों को विभिन्न विषयों से परिचित होने का अवसर प्रदान करने के साथ साथ उन्हें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आसानी से सीखने का मौका देता है। इसके माध्यम से बच्चे डिजिटल प्लेटफार्म के उपयोग से भी परिचित हो पाएंगे जो की महामारी के समय में अत्यंत उपयोगी है।
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कार्यक्रम में किंडरउनी बैंडवैगन में शामिल होने के लिए महुआ दास गुप्ता, प्रिंसिपल, द त्रिभुवन स्कूल शरत कुमार सिंह, प्रिंसिपल लिटेरा वैली स्कूल, कर्नल प्रेम प्रकाश, प्रिंसिपल रेडिएंट इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, मुक्ता सिन्हा, सचिव कमला नेहरू शिशु विहार हाई स्कूल, निशि सिंह, प्रिंसिपल द मिलेनियम स्कूल को किंडरउनी प्रमाण पत्र सौंपे गए। इस कार्यक्रम में अनीता मित्रा, शिक्षा सहयोग अधिकारी, गोएथे-इंस्टीट्यूट / मैक्स म्यूएलर भवन, पार्थ चट्टोपाध्याय, प्रमुख लुबेरेरियन, गोएथे-इंस्टीट्यूट, अरविंद कुमार, आई/ सी विजिलेंस, पटना उच्च न्यायालय (पटना) और किरोन खोसला जैसे विशिष्ठ लोगों की उपस्थिति ने शोभा बढ़ाई। किरण कुमारी पासी, राज्य परियोजना निदेशक, झारखंड सरकार, के अविनाव कुमार, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, गुणवत्ता शिक्षा, झारखंड सरकार। एम मरप्पन, उपायुक्त, जवाहर नवोदय विद्यालय (पटना क्षेत्र- बिहार-झारखंड-पश्चिम बंगाल: डीके मोदी, सहायक आयुक्त शिक्षाविद, जवाहर नवोदय विद्यालय, 80 जवाहर नवोदय विद्यालय (पटना क्षेत्र बिहार-हरखंड) के प्रधानाध्यापक- पश्चिम बंगाल), पुनीत कौर, अध्यक्ष, InDaf अंतर्राष्ट्रीय जर्मन शिक्षक संघ, और अन्य हिंदी माध्यम विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने भी डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया। जवाहर नवोदय विद्यालय (पटना क्षेत्र- बिहार-झारखंड-पश्चिम बंगाल), लिटेरा वैली स्कूल, रेडिएंट इंटरनेशनल स्कूल, कमला नेहरू शिशु विहार हाई स्कूल, मिलेनियम स्कूल और बिहार एवं झारखण्ड के दस-दस सरकारी स्कूलों को इस कार्यक्रम की भागीदारी के लिए आमंत्रित किया गया है। किंडरउनी बाल-केंद्रित शिक्षा, विदेशी भाषाओं और मीडिया शिक्षा पर जोर देती है।