बीजेपी के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये नयी भाजपा है ये अटल-आडवाणी वाली नहीं मोदी शाह वाली भाजपा है और नये दौर की भाजपा का वर्किंग स्टाइल भी अलग है। कई बार बीजेपी के सहयोगियों को भाजपा का नया वर्क कल्चर अखरता है और वे पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का जमाना याद करते हैं। सीएम नीतीश कुमार को भी वही दौर याद आया है।नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आज बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए. इशके अलावे राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल- प्रशासक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.बैठक में मुख्यमंत्री से कई मांगें की।सीएम नीतीश ने कहा कि अटल जी के समय में पॉलिसी लागू की गई उसका पालन नहीं किया जा रहा।

साथ ही मुख्यमंत्री ने बिहार के लिए एक बंदरगाह अलॉट करने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योगों को बढ़ावा मिले इसको लेकर सरकार 15 सालों से प्रयास कर रहा है। सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार एक लैंडलॉक्ड राज्य है. इसके चलते कई तरह की परेशानी होती है. हमने वर्ष 2011 में ही मांग किया था कि उड़ीसा में एक अलग बंदरगाह की सुविधा मिले। अगल यह सुविधा मिलती तो बिहार से किसी चीज को भेजने में सहूलियत होगी. इस प्रस्ताव को हमने पिछले 10 वर्षों में कई बार रखा लेकिन अब तक यह उपलब्ध नहीं हो सका है. अगर इस पर केंद्र सरकार ध्यान दें तो बिहार को काफी सहूलियत होगी.उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय से जो राशि तय की गई थी उस समय वह मिलती थी लेकिन अब उतनी राशि नहीं मिल रही है. हमारा आग्रह है कि जो पॉलिसी है उसे देख लिया जाए.


